बिहार में भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज; लाठी चार्ज में मौत पर सरकार का आपदा प्रबंधन

लवी फंसवाल। पटना में गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी के विधानसभा मार्च के दौरान लाठीचार्ज और भगदड़ की खबरें सामने आई। जिसमें चार भाजपा कार्यकर्ताओं की मौत की खबर भी आ रही थी, लेकिन पुष्टि सिर्फ एक ही भाजपा कार्यकर्ता की मौत की हुई है। इस पुष्टि की जगह अफसर राज्य सरकार का चेहरा बचाने के लिए आपदा प्रबंधन करते रहे।

आपको बता दें, कि बिहार की नई शिक्षक भर्ती नियमवाली और चार्जशीट दाखिल होने के बावजूद डिप्टी सीएम के पद से तेजस्वी यादव को नहीं हटाया गया। जिसको लेकर विरोध के साथ 10 लाख सरकारी नौकरियों के वादे पर सवाल के साथ भारतीय जनता पार्टी का विधानसभा मार्च गुरुवार को लहूलुहान हो गया। आंसू गैस के गोलों, पानी की बौछार और अंधाधुन लाठीचार्ज से कई बार भगदड़ मची। लाठी की मार और भगदड़ में गिरने से कई नेताओं के हाथ पैर टूट गए। पुलिस की जो हाथ लगा उस पर लाठीचार्ज हुआ। कई नेता अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं जहानाबाद भाजपा के एक नेता की मौत हो गई। पुलिस इतनी हिंसा किस बात पर हुई है, यह बताने की जगह अफसर राज्य सरकार का चेहरा बचाने के लिए आपदा प्रबंधन करते रहे। जहानाबाद निवासी भाजपा नेता विजय सिंह की मौत की खबर उनके घर पहुंची तो वहां कोहराम मच गया। विजय सिंह के साथ रहे भाजपा नेता उनके जिंदा रहते भी साथ थे और मौत के समय भी। पोस्टमार्टम कराने पहुंचे, तब तक घर पर खबर कर दी गई। भाजपा के कई वरिष्ठ नेता विजय सिंह के परिजनों को ढांढ़स बंधाने पहुंच गए, लेकिन सरकार ने इस मौत की पुष्टि करने में घंटों गुजार दिए।

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