दीपक झा। बिहार के अररिया में शुक्रवार सुबह एक पत्रकार की हत्या कर दी गई। अभी तक पुलिस की गिरफ्त में एक भी गुनहगार नहीं आया। विमल कुमार यादव के लिए शुक्रवार की सुबह आखरी सुबह बन गई। बदमाशों ने उनके आवास पर जाकर उनकी हत्या कर दी। आपको बता दे तो चार गोली उनको मारी गई, जिसकी वजह उनकी वहीं पर मौत हो गई। अब इस पर राजनीति बिहार में चरम सीमा पर है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने दुख जताया, तो वहीं भाजपा ने साथ ही अपोजिशन के लीडर ने जंगल राज की बात की। उन्होंने कहा कि जंगल राज बिहार में कायम है। कुछ साल पहले उनके भाई की भी ऐसे ही हत्या की गई थी। जिसमें वह मुख्य गवाह भी थे। उन्होंने इस केस में गवाही भी दी थी। शक है कि इसी वजह से आखरी गवा को भी खत्म कर दिया गया। वह अपने पीछे एक बेटे और एक बेटी को पत्नी के साथ छोड़ गए। हत्या के बाद शव को अररिया सदर अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया। घटना के बाद से ही परिजनों का रो रो कर बुरा हाल है। गोली चलने पर विमल कुमार यादव चिल्लाए। उन्होंने अपने बेटी को आवाज दी। पूजा रे, पूजा रे हमको गोली मार दी। ऐसा उन्होंने कहा, उनके यह शब्द आखरी थे। सीना खून से लटपट और वह जमीन पर गिर पड़े।

गवाही देने से भी पत्रकार विमल कुमार यादव को लगातार रोकने की कोशिश की जा रही थी। आपको बता दे तो अपने भाई के हत्या की मुख्य गवाह थे। अपराधियों के द्वारा लगातार गवाही न देने का जोड़ और उनको लगातार धमकाया जा रहा था। उन पर दबाव बनाया जा रहा था, और आज सुबह शुक्रवार को बदमाशों ने उनके आवास पर जाकर उनकी हत्या कर दी। उनको घसीटा गगया उनको पीटा गया, उनको मारा गया और फिर गोली से भून दिया। जिला पत्रकार संघ के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सचिव, अमित कुमार, अमन मिंटू सिंह, फुलेंद्र मल्लिक, राकेश कुमार, आमोद शर्मा, रवि भगत, सहित दर्जनों की संख्या में पत्रकार पहुंचे और पुलिस अधिकारियों से बात की। बिहार में जंगलराज रिटर्न की भी बात चल रही है। पत्रकार घबराए हुए हैं और सुरक्षा की मांग कर रहे हैं। दरअसल, आए दिन पत्रकारों की हत्या बिहार में आम सी हो गई है। हत्या पर बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने जवाब दिया, उन्होंने कहा हत्यारों को जल्द से जल्द पकड़ कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। साथ ही उन्होंने एक आरोप लगा दिया। उन्होंने कहा बिहार से ज्यादा दिल्ली में अपराध है और प्रधानमंत्री जहां रहते हैं, वहां बिहार से ज्यादा अपराध है। इसके बाद से ही राजनीति में बयानों का दौर चल रहा है।

About Post Author