नूपुर शर्मा को धमकी देने के बाद अजमेर में होटल बुकिंग पर पड़ा बुरा असर, जायरीनों की संख्या भी हुई कम

अजमेर

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आदित्य सिन्हा। अजमेर में जब से नूपुर शर्मा का सिर कलम करने पर अपना मकान इनाम में देने की धमकी देने वाले दरगाल के सलमान चिश्ती का बयान सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तब से लेकर अब तक ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आने वाले लोगों की संख्या में अचानक से कमी आ गई है। इस कारण व्यापार पर भी बहुत बुरा असर पड़ा है। कहने का अर्थ है कि राजस्थान के कई जिलों में पर्यटन पर मंदी देखने को मिल रही है। यहां तक कि बकरीद पर भी दरगाह के आसपास का इलाका सुनसान ही नजर आया। इसी के चलते होटल और फूल कारोबार पर भी बुरा असर पड़ रहा है। और अंदेशा जताया जा रहा है कि दरगाह क्षेत्र के अन्तर्गत व्यापारियों को कुछ ही दिन के अंदर तकरीबन 50 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह जो मानी जा रही है वो है खादिमों के विवादास्पद बयान। अगर कोरोना काल को छोड़ दिया जाए तो ईद-उल-अजहा के मौके पर हर साल  अजमेर के दरगाह बाजार में इस कदर भीड़ उमड़ती थी कि पैदल आने-जाने वाले लोगों को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस बार  दरगाह के खादिमों के विवादित बयानों के वीडियो वायरल होने के बाद से हालात बदल गए हैं। यहां आने वाले जायरीनों की संख्या पिछले कुछ दिनों से घटकर बहुत ही कम रह गई है, जिसका सीधा असर बाजारों पर पड़ रहा है। डिग्गी बाजार, खादिम मोहल्ला, कमानी गेट सहित लाखन कोटड़ी के कई होटल और गेस्ट हाउस रोजाना बड़ा नुकसान उठा रहे हैं, क्योंकि इन होटल और गेस्ट हाउस में ठहरने के लिए कोई भी अजमेर आ ही नहीं रहा है। अजमेर का होटल व्यवसाय लगभग ठप-सा होता नज़र आ रहा है। बता दें कि अब तक नूपुर शर्मा विवाद को लेकर दरगाह के तीन खादिम भड़काऊ बयान दे चुके हैं, जिसमें गौहर चिश्ती, सलमान चिश्ती और अंजुमन सरवर चिश्ती शामिल हैं।

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