स्वामी विवेकानंद पर विवादित बयान देने के कारण, इस्कॉन ने संत अमोघ दास पर 1 महीने के लिए लगाया प्रतिबंध

लवी फंसवाल। इस्कॉन ने स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस पर अनुचित टिप्पणी करने पर संत अमोघ दास पर प्रतिबंध लगा दिया है। जिसमें उन्होंने अपने प्रवचन के दौरान स्वामी विवेकानंद के मछली खाने पर सवाल उठाया था और रामकृष्ण परमहंस के विचार ‘जातो मत, तथो पथ’ को भी अनुचित बताया।

इस्कॉन मंदिर सोसाइटी से जुड़े अमोघ लीला दास की स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर विवादित टिप्पणी चर्चा का विषय बन गई है। दरअसल, मंगलवार को इस्कॉन मंदिर ने बयान जारी करते हुए कहा, कि स्वामी विवेकानंद और रामकृष्ण परमहंस की टिप्पणी को लेकर आमोघ लीला दास पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है। आपको बातादें, कि इस्कॉन से जुड़े स्वामी आमोघ लीला दास का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह स्वामी विवेकानंद के मछली खाने को लेकर सवाल उठाते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो में स्वामी आमोघ लीला दास कह रहे हैं कि एक सिद्धपुरुष कभी भी किसी जानवर को नुकसान नहीं पहुंचाता। एक प्रवचन के दौरान, अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानन्द द्वारा मछली के सेवन पर सवाल उठाते हुए कहा था, कि एक सिद्धपुरुष व्यक्ति कभी भी किसी जानवर को नुकसान पहुंचाने वाली किसी भी चीज का सेवन नहीं करेगा।
उन्होंने आगे कहा, ‘क्या कोई दिव्यपुरुष कोई जानवर को मारकर खाएगा? क्या कभी मछली खाएगा? मछली को भी दर्द होता है ना? और अगर विवेकानंद मछली खाएं तो क्या एक सिद्धपुरुष मछली खा सकता है? नहीं खाएगा। सिद्धपुरुष के ह्रदय में करुणा होती है। ‘
स्वामी विवेकानंद के अलावा उन्होंने उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस के विचार ‘जातो मत, ततो पथ’ (जितने विचार, उतने रास्ते) पर भी टिप्पणी की और कहा कि हर रास्ता एक ही मंजिल तक नहीं जाता है।

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