चिराग ने कहां हाजीपुर सीट उनकी पुश्तैनी, वही पशुपति बोले- उन्हें सता रहा जमुई से हारने का डर

लवी फंसवाल। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सभी विपक्षी दल बीजेपी के खिलाफ एकजुट होने की कोशिश में जुटे हैं। इसको लेकर सभी दल बेंगलुरु में बैठक भी कर रहे हैं। तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी अपने एनडीए गठबंधन को मजबूत करने में लगी है। इसी को लेकर बीजेपी बिहार में एलजेपी के दोनों गुटों को भी एकजुट करने की कोशिश में लगी है।
आपको बता दें, कि दिल्ली में मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक से पहले एलजीपी के दोनों गुट पासवान और उसके चाचा पशुपति पारस में जुबानी जंग छिड़ रही है। इस जंग के पीछे अहम वजह है। हाजीपुर की लोकसभा सीट पर पासवान और पशुपति पारस दोनों ने अपना दावा ठोकते हुए 2024 लोकसभा चुनाव में यहां से लड़ने का एलान कर दिया है। दरअसल, हाजीपुर सीट रामविलास पासवान की परंपरागत सीट रही है। अभी पशुपति कुमार पारस सांसद हैं, जबकि रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान जमुई से सांसद हैं। हाल ही में चिराग पासवान एनडीए में शामिल हुए हैं। वह मंगलवार को होने वाली एनडीए की बैठक में भी शामिल होंगे। इससे पहले उन्होंने मिडीया से बातचीत में हाजीपुर सीट पर दावेदारी ठोकी है। उन्होंने कहा, हाजीपुर पर दावा करने के लिए मेरे पास अपनी वजह है, और वह सीट मेरे पिता रामविलास की पर्याय है, और हाजीपुर के प्रति मेरी जिम्मेदारी है।
वही चिराग ने आगे कहा, मुझे पूरा विश्वास है कि हमारी पार्टी हाजीपुर से चुनाव लड़ेगी। वहीं जब उनके चाचा पशुपति पारस के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, कि वह मेरे चाचा ही हैं। उनके खिलाफ कभी कोई टिप्पणी नहीं की है।
दूसरी तरफ पशुपति पारस ने कहा, कि चिराग पासवान का हाजीपुर से लड़ने की बात कहना अब जमुई की जनता को धोखा देने जाता है। उन्होंने कहा, ‘मैं केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय को साफ कर चुका हूं कि मैं ही हाजीपुर से लडूंगा। उन्होंने आगे कहा, अगर चिराग को हाजीपुर से लड़ना था, तो वह 2019 में स्पीड से क्यों नहीं लड़े। अभी उन्हे जुमई से हारने का डर सता रहा है। इसलिए, वह हाजीपुर से लड़ने की बात कर रहे हैं।