सेंचुरियन टेस्ट में नही रहता है, टॉस का महत्व

संचेरियन

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भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच बॉक्सिंग टेस्ट रविवार 26 दिसंबर से शुरू हो रहा है। टीम इंडिया की नजर पहली बार दक्षिण अफ्रीका में सीरीज जीतने पर है। विराट के अगुवाई में टीम इंडिया इस बार अलग रूप में नजर आ रही है। टीम इंडिया इसी देश में अब तक कोई सीरीज नहीं जीत सकी है। मैच शुरू होने से पहले दोनों टीमें इस बात को लेकर खुश होंगी कि सेंचुरियन में टॉस का कोई खास असर नहीं होता है। यहां टॉस जीतने और हारने वाली टीम के पक्ष में बराबर नतीजे निकले हैं। सेंचुरियन में अब तक 26 टेस्ट मैच हुए हैं। 11 बार टॉस जीतने वाली टीम मैच जीती है तो 11 बार ही मैच हारी भी है। चार मुकाबले अब तक यहां ड्रॉ हुए हैं। इससे यह कहा जा सकता है कि सेंचुरियन में टॉस कोई जीते बेहतर खेल दिखाने वाली ही टीम मैच जीतेगी। उसे टॉस का लाभ ज्यादा नहीं मिलेगा। अगर इस मैदान पर उच्चतम स्कोर की बात करें तो दक्षिण अफ्रीका ने श्रीलंका के खिलाफ 621 रन बनाए हैं। वहीं, न्यूनतम स्कोर इंग्लैंड के नाम है। वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 101 रन पर ऑलआउट हो गई थी। सेंचुरियन में दाएं हाथ के तेज गेंदबाजों ने सबसे ज्यादा विकेट चटकाए हैं। इस मैदान पर तेज गेंदबाजों ने कुल 663 झटके हैं। इनमें दाएं हाथ से गेंदबाजी करने वाले खिलाड़ियों ने 591 विकेट हासिल किए हैं। सिर्फ 72 विकेट बाएं हाथ के गेंदबाजों को मिले हैं। देश के हिसाब से देखें तो दक्षिण अफ्रीका इस मामले में पहले पायदान पर है। उसके तेज गेंदबाजों ने इस मैदान पर सबसे ज्यादा 419 विकेट निकाले हैं। भारतीय तेज गेंदबाजों के खाते में दो मैच में 15 विकेट हैं।

भारतीय टीम इस आंकड़े को देखकर खुश होगी। उसके पास दौरे पर बाएं हाथ का कोई तेज गेंदबाज नहीं है। टीम में शामिल जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, उमेश यादव और ईशांत शर्मा सभी दाएं हाथ के हैं।

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