राजधानी दिल्ली वायु प्रदूषण से प्रभावित, एयर क्वालिटी इंडेक्स लेवल खतरे पर

दिल्ली

दिल्ली

देश की राजधानी दिल्ली वायु प्रदूषण की गंभीर स्टेज से गुजर रहा है। अधिकांश दिल्ली की जल औऱ वायु के दूषित होने की खबर सामने आती रहती है। दीवाली के बाद से प्रदूषण का संकट बढ़ गया है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के मुताबिक जहरीली हवा के कारण लॉकडाउन लगाने की नौबत आ गई है।

एक्यूआई के जानकारों मे बताया कि दिल्ली हालिया स्थितियों के मद्देनजर हेल्थ इमरजेंसी की गिरफ्त में आ चुकी है। जहां से लोगों की स्वास्थ्य जीवन पर बीमारियों का अंबार टूटता दिखाई दे रहा है। हाल ही में स्थिति को देखते हुए स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

ऑनलाइन शिक्षा का नियम लागू कर दिया गया है, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो सके है। इसके अलावा दिल्ली समसामायिक हालात काफी गंभीर हो गए है। विश्लेषकों का मानना है कि ऐसी ही स्थिति बनी रही तो दिल्ली समेत अन्य पड़ोसी राज्यों को भी लॉकडॉउन लगाना पड़ सकता है।

 वायु प्रदूषण के गंभीर हालातों को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को अपना फरमान सुना दिया है। दरअसल कोर्ट ने केंद्र सरकार से हालतों पर काबू पाने के लिए सुझाव स्पष्ट करने के आदेश दिए है। सवाल है कि आखिर प्रदूषण को बढ़ाने में किसान कगी पराली ही जिम्मेदार है या फिर सरकारों की लापरवाही भी जिम्मेदार होगी? अभी इसको स्पष्ट कर पाना नामुकिन होगा कि जिम्मेदार आम नागरिक भी है  या दीवाली जैसे त्योहार, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़ा है?   

मालूम हो, सरकार और प्रशासन के प्रतिबंध लगाने के बावजूद दीवाली पर लोगों ने पटाखों की झड़ी लगा दी थी। इसका प्रभाव शुद्ध वायु पर नकरात्मक पड़ा है। अन्य पटाखों की जगह अगर ग्रीन पटाखें फोड़े जाते तो काफी हद तक प्रदूषण लेवल नियंत्रण में रहता। इन सभी को जिम्मेदार ठहराना गलत नहीं होगा। पराली के साथ पटाखें, कंपनियों का प्रदूषण और आम लोगों द्वारा फैलाई जाने वाली गंदगी के साथ कुछ हद तक सरकार की लापरवाही  भी शामिल है। इस प्रदूषण की जिम्मेदारी के राज्य सरकारों की बायो डींकपोजर को लेकर है। जो अबी तक संपन्न नहीं कर पाई है।

About Post Author