पांच दिन में करीब 1500 सर्जरी रद्द, हड़ताल से मरीजों की फूली सांसे

मरीजों

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ज्योति कुमारी: राजधानी दिल्ली में लगातर पांचवें दिन रेजिडेंट डाक्टरों की हड़ताल जारी रहने से मरीज परेशान रहे। मंगलवार को राम मनोहर लोहिया आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी में वरिष्ठ डाक्टर तो दिखें थे, लेकिन बेड खाली नहीं थे, कयोंकि डाक्टरों की संख्या बहुत कम थी। इसलिए कम मरीजों को ही भर्ती किया गया। हड़ताल के कारण नियमित सर्जरी की सेवाओं पर भी प्रतिकुल असर पड़ा हैं। पांच दिन में अलग अलग अस्पालों में अलग अलग अस्पतालों में लगभग 1,500 नियमित सर्जरी रद्द हुई हैं। वहीं कस्तूरबा गांधी अस्पताल के चिकित्सक डा. सुनील ने बताया कि इमरजेंसी में आने वाले मरीजों की संख्या काफी बढ़ गई हैं जबकि डाक्टरों की संख्या उस हिसाब से कम हैं। ऐसे में उपलब्ध डाक्टरों को अधिक से अधिक मरीजों को देखना पड़ रहा हैं। हड़ताल की सूचना मिलने से अब अस्पातालों में कम मरीज पहुचं रहे हैं। आरएमएल की ओपीडी के बाहर बैठे उप्र के सम्भल से आए सुधीर ने बताया कि उनके 58 वर्षीय पिता की नसों में डाक्टरों ने ब्लाकेज बताया था। साथ ही उन्हें एक महीने पहले 21 दिसंबर की तारीख देकर एंजियोग्राफी के लिए बुलाया था, लेकिन हड़ताल के कारण एंजियोग्राफी नहीं हो सकी। सुबह 11 बजे से अस्पताल में हर तरह से कोशिश कर चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं। हड़ताल वापस जाने के लिए कहा जा रहा हैं। कलावती सरन अस्पताल में कुछ गंभीर बच्चों को तो इमरजेंसी में इलाज मिला जबकि अधिकतर को वापस भेज दिया गया। इसी तरह लोकनायक अस्पताल में इमरजेंसी में बहुत कम मरीज देखे गए। सफदरजंग अस्पताल में भी मरीज भटकते रहे। हड़ताल की वजह से एम्स कस्तूरबा बाड़ा हिदूं राव संजय गांधी जैसे प्रमुख अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ गईह है।

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