संसद में पेगासस जासूसी और कृषि कानून बने विपक्ष के हथियार, दोनों सदनों की कार्यवाही प्रभावित

लोकसभा और राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान पेगासस जासूसी मुद्दे पर मंगलवार को विपक्ष ने भारी हंगामा किया। इस कारण राज्यसभा को कुछ घंटे के लिए स्थागित भी करना पड़ा। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सदन में पक्ष और विपक्ष नारेबाजी न करें, इस चर्चा को जनता देख रही है। वहीं कांग्रेस सांसदों ने असम और मिजोरम मामले को लेकर तीखी बहस शुरू कर दी। वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गृहमंत्री शाह को इस मामले पर अंतरराष्ट्रीय व प्रांतीय अंतर स्पष्ट करने बाद सीमा की पहल करनी थी। पेगासस जासूसी कांड में विपक्षी दल कांग्रेस के साथ टीएमसी के सांसदों ने शाह से जबाव मांगा। सभापति ने स्पष्ट करते हुए कहा कि देश को नुकसान पहुंचाने वाले नेताओं को कभी नहीं स्वीकारा जाएगा। उन्होंने कहा कि संसद कानून व्यवस्था को बनाने और सार्वजनिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए बनी है। संसद सत्र का मंगलवार को सातवां दिन है, आज की कार्यवाही सुबह 11 बजे शुरू हुई कि उसी दौरान विपक्ष का हंगामा शुरू हो गया। इस बिल में 5 अध्यादेशों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनमें होम्योपैथिक केंद्रीय परिषद अध्यादेश, भारतीय चिकित्सा अध्यादेश, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र व वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग, दिवाला संहिता अध्यादेश को शामिल किया गया है। पिछले सोमवार को सदन में इसी प्रकार विपक्षी हंगामा हुआ था। सोमवार को सदन में दो विल पारित किए गए थे, जिनमें फैक्ट्रिंग विनियमन विधेयक 2021 और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी विधेयक 2021 शामिल है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि फैक्टिंग विनीयमन से सूक्ष्म, लघु और मध्यम क्षेत्र के लिए सरल रूप दिया गया है। दूसरी तरफ भाजपा ने कार्यकरणी सुझाव के लिए बैठक की जिनमें पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, मंत्री प्रह्लाद जोशी समेत कई पदाधिकारी मौजूद रहे। पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि बेबुनियादी मामलों को मुद्दा बनाकर संसदीय कार्यवाही रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

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