विश्व एड्स दिवस पर आईआईएमटी में कानूनी जागरूकता कार्यक्रम

एड्स

अब देश में एचआईवी-एड्स पीड़ित लोगों को नौकरी देने से इनकार करने या नौकरी से निकालने पर कड़ी सज़ा का सामना करना पड़ेगा. इस संबंध में एक नए कानून को राष्ट्रपति की मंज़ूरी मिल गई है। कानून के प्रावधानों के अनुसार ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ नफरत फैलाते पाए गए लोगों को कम से कम तीन महीने की क़ैद की सज़ा सुनाई जाएगी जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है और उन पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह बातें जिला विधि सेवा प्राधिकरण गौतमबुद्ध नगर के सेक्रेटरी जयहिंद कुमार सिंह ने आईआईएमटी कॉलेज समूह में विश्व एड्स दिवस के मौके पर आयोजित कार्यकम में कहीं।

कार्यक्रम की शुरूआत मुख्य अतिथि रहे जयहिंद सिंह, कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. मयंक अग्रवाल, और लॉ कालेज की डायरेक्टर मोनिका रस्तोगी ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ की। कार्यक्रम में कॉलेज के छात्र- छात्राओं ने पेटिंग, भावपूर्ण नृत्य व नुक्कड़ नाटक के माध्यम से इस बीमारी से बचाव व इससे जुड़ी भ्रांतियों के प्रति लोगों को जागरूक किया। इस दौरान डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि एड्स के रोगियों के साथ-साथ भेदभाव नहीं बल्कि उन्हें सहानुभूति की जरूरत है।

एड्स एक ऐसी लाइलाज बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है। जानकारी व जागरूकता से ही एड्स से बचा जा सकता है। विश्व एड्स दिवस के मौके पर कॉलेज के अनेक छात्र सहित सभी डायरेक्टर मौजूद रहे।

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