यूपी विधान सभा चुनाव में एसपी और कांग्रेस की रणनीति में हो सकता बड़ा बदलाव

Supporters hold party flags during an election campaign rally by India's ruling Congress party president Sonia Gandhi in Mumbai April 26, 2009. REUTERS/Punit Paranjpe (INDIA POLITICS ELECTIONS) - GM1E54Q1QHD01

उत्तर प्रदेश चुनाव में पिछली गलतियों को याद कर पार्टियों में रणनीतियों का फेरबदल हो रहा है। बीजेपी को लंबी हार का सामना करवाने में सपा और कांग्रेस कभी पीछे नहीं रही हैं। 2022 के विधान सभा चुनाव में गठबंधन का मुद्दा सामने आया है। इस पर पार्टी समर्थकों ने अपनी सहमति देते हुए कहा कि क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर चुनाव नहीं हुआ तो सियासी राह मुश्किल होगी। उनका कहना है कि हाल ही में हुए केरल, असम और बिहार विधान है नंदसभा चुनाव से सबक लेने की जरूरत है।
अकेली दम पर सत्ता में वापसी एक सपना है इसको हकीकत में बदलने के लिए एक सहमति से चुनाव करने की जरूरत है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस खाता खोलने में नाकाम साबित हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कहना है कि यूपी में बीजेपी अपनी हर चाल कायम रखेगी इसीलिए इस पर विचार करने की आवश्यकता है। बता दें कि कांग्रेस नेताओं का सीधा निशाना मुस्लिम वोट पर है। ऐसे में कांग्रेस को भाजपा विरोधी वोट एकजुट रखने के लिए गठबंधन पर विचार करना चाहिए। हालांकि, कई नेता इसके खिलाफ भी हैं। उनका कहना है कि वर्ष 2017 के चुनाव में सपा से गठबंधन से पार्टी को नुकसान हुआ है। किसी बड़ी क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन के बजाय छोटे दलों को साथ लेकर सोशल इंजीनियरिंग करनी चाहिए। इन नेताओं का कहना है कि 2012 के चुनाव में कांग्रेस को 28 सीटों के साथ लगभग 12 फीसदी वोट मिले थे। पर 2017 में सिर्फ छह प्रतिशत मत हासिल हुए। ऐसे में पार्टी को गठबंधन के बजाय संगठन को मजबूत बनाने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

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