मुजफ्फरपुर के लाल ने पैरालंपिक में किया कमाल, जीता कांस्य पदक

ओलंपिक के बाद अब टोक्यो में पैरालंपिक की प्रतियोगिता हो रही है। इस प्रतियोगिता में बिहार के लाल शरद कुमार ने कास्यं पदक जीतकर कमाल कर दिया है। शरद कुमार बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के रहने वाले हैं। शरद कुमार ने हाई जंप में कास्यं पदक जीतकर पूरे बिहार का नाम गर्व से चौड़ा कर दिया है। हाई जंप की 63 स्पर्धाओं में शरद ने 1.83 मीटर की छलांग लगाई है। शरद ने साल 2018 के 1.9 मीटर हाई जंप में एशियन में स्वर्ण पदक जीता था। शरद कुमार ने कास्यं पदक जीतकर बिहार के साथ-साथ भारत का भी नाम रौशन किया है। शरद कुमार दो साल ही उम्र में पोलियो ग्रस्त हो गये थे। डॉक्टरों की लापरवाही के कारण शरद के बायें पैर ने काम करना बंद कर दिया था, जिसके कारण वे दिव्यांग हो गए थे। शरद ने सातवीं कक्षा से हाई जंप की प्रैक्टिस शुरू दी थी। शरद के माता-पिता बेटे की उपलब्धि पर काफी गर्व महसूस कर रहे हैं। शरद का सपना आईएएस अधिकारी बनने का है। पैरालंपिक में कास्यं पदक जीतने के बाद वे अपना ध्यान अपने लक्ष्य पर क्रेंदित करेंगे।
मंगलवार को ऊंची कूद की टी-63 स्पर्धा में कांस्य पदक विजेता शरद के पटना स्थित आवास पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। घर में पिता सुरेंद्र कुमार, मां कुमकुम कुमारी और भाई सलज कुमार शरद के ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर काफी उत्साहित हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद कुमार को बधाई देते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि उनकी ऊंची और ऊंची उड़ान! भारत को उनके कारनामे पर गर्व है। शरद कुमार ने कांस्य पदक जीतकर हर भारतीय के चेहरे पर मुस्कान बिखेर दी है। उनका जीवन कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गया है। वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने भी कास्यं विजेता शरद कुमार को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी है। उनके उज्जवल भविष्य की कामना भी की है।

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