जल्द हो सकता है भारत की चार बड़े बैंकों का निजीकरण, 14 अप्रैल को होनी है बैठक

2021 आम बजट पेश करने के साथ ही केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि जल्द ही देश सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का निजीकरण किया जाएगा। कहा जा रहा है कि सरकार पहले चरण में कम से कम दो पब्लिक सेक्टर के बैंकों का निजीकरण कर सकती है। बता दें कि 14 अप्रैल को नीति आयोग, भारतीय रिजर्व बैंक और वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवाओं और आर्थिक मामलों के विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक है। बैठक में निजीकरण किए जाने वाले संभावित बैंकों के नामों पर चर्चा होगी। सूत्रों से पता चला है कि सरकार ने निजीकरण के लिए चार बैंक चुने हैं। बताया जा रहा है कि सरकार बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक और बैंक ऑफ इंडिया का निजीकरण कर सकती है।
अगर बैंकों का निजीकरण होता है, तो इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ेगा। हालांकि बैंकों के निजीकरण से ग्राहकों को घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि जिन बैंकों का निजीकरण होने जा रहा है, उनके खाताधारकों को किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा। ग्राहकों को पहले की तरह ही सभी बैंकिंग सेवाएं मिलती रहेंगी। ध्यान देने वाली बात यह है कि इन चार बैंकों में फिलहाल 2.22 लाख कर्मचारी काम करते हैं।

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