चित्रकूट जेल में कैसे रचा गया खूनी खेल, प्रयागराज जेल के उप निरीक्षक पी एन पांडे करेंगे मामले की जांच

चित्रकूट जिला कारागार में शुक्रवार सुबह 10 बजे सीतापुर निवासी अंशु दीक्षित ने मुख्तार गैंग के दो कुख्यात अपराधियों को गोलियों से भून दिया। घटना की जानकारी मिलते ही भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पुलिस का कहना है कि आरोपी पिस्टल के दम पर कैदियों को भगाने की फिराक में थे। पुलिस ने आरोपी अंशु को आत्मसमर्पण करने के लिए कहा तो उसने पुलिस पर भी गोलीबारी कर दी। जवाबी कार्यवाही में अंशु को ढेर कर दिया गया। मारे गए वांटेड मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली और कैराना शामली निवासी अपराधी मुकीम काला बताए गए हैं। सीएम योगी ने मामले को गंभीरता से लेने के आदेश दिए साथ ही डीजी आनंद कुमार से रिपोर्ट तलब की है। आपको बता दें कि जेल में सुबह की परेड होने के बाद सभी कैदी अपनी बैरक में जाने लगे वहीं मेराजुद्दीन पर अंशु ने पिस्टल निकालकर दो फायर कर दिए। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। उसी दौरान दूसरी बैरक में बंद मुकीम पर भी गोली चला दी। इस बीच बंदी रक्षकों संग मौके पर पहुंचे जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी पर भी अंशू ने पिस्टल तान दी। अंशू ने पिस्टल के बल पर चार से ज्यादा बंदियों को काबू कर अपने आगे खड़ा कर लिया। उसने बंदियों को मारने की धमकी देकर खुद को बाहर निकालने के लिए कहा। इस बीच सूचना पर डीएम और एसपी भारी पुलिस फोर्स संग जेल के अंदर पहुंचे। पुलिस ने अंशू को चारों ओर से घेर लिया और उसको आत्मसमर्पण के लिए ललकारा लेकिन अंशू ने अपनी पोजीशन बदलते हुए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। इस बीच अंशू के शिकंजे में रहे बंदी भागकर बैरकों में चले गए। अब एक तरफ अंशू और दूसरी तरफ पुलिस फोर्स थी। अंशू ने जैसे ही फिर फायर झोंका तो पुलिस ने जवाबी कार्रवाई कर उसको मौके पर ही ढेर कर दिया। पुलिस और शार्प शूटर के बीच फायरिंग के बीच ही मंडलायुक्त दिनेश कुमार सिंह, आईजी के. सत्यनारायण, जिलाधिकारी शुभ्रांत कुमार शुक्ल, पुलिस अधीक्षक अंकित मित्तल भारी पुलिस फोर्स संग जेल पहुंचे। जेल के अंदर दो की हत्या और तीसरे की मुठभेड़ में मौत की सूचना पर डीआईजी कारागार, प्रयागराज पीएन पांडेय भी मौके पर पहुंचे और जेल अधीक्षक श्रीप्रकाश त्रिपाठी से जानकारी ली। कमिश्नर और पुलिस महानिरीक्षक ने मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी गठित की है। करीब डेढ़ घंटे तक चले घटनाक्रम के बाद पुलिस ने तीनों के परिजनों को सूचना देकर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा। डीआईजी कारागार प्रयागराज पीएन पांडेय भी जेल पहुंचे और घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कराने की बात कही। 

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