गांव से संवाद स्थापित करने की जिम्मेदारी स्वयं संभालेगी कुलपति प्रो. आशा शुक्ला

गांव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों का भारत बनाने व आत्मनिर्भर भारत बनाने की कड़ी में डॉ. बी. आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय ने 17 गाँवो को गोद लिया है विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. शुक्ला शुक्ला ने यशस्वी प्रधानमंत्री के घोषणा में तत्काल बाद आत्मनिर्भर भारत का सेल गठित किया और इसके अंतर्गत विश्वविद्यालय गाँवो से सीधाकर रहा है आस पास के SC/ST तथा वंचित एवं शोषित वर्ग के बीच जाकर भारत सरकार की योजनाओं को उनके बीच रखने का कार्य निरंतर कर रहा है।


आज देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव का आयोजन कर रहा है। इस के अंतर्गत ब्राउस डॉ. बी. आर. अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर व्यापक कार्य योजना बनाना विभिन्न माध्यम से विश्वविद्यालय बौद्धिक तथा सभी वर्षों में बीच संवाद करता रहा है। लेकिन इस बार विश्वविद्यालय वंचित व आदिवासी गाँव में जाकर गाँव से सीधा संवाद कर रहा है इस कार्यक्रम की श्रंखला में गाँव में डॉ. अंबेडकर में विचार दर्शन एवं समावेशी विचार, बेटी बचाओ अभियान, कौशल विकास जागरूकता, लिंग भेद, जेंडर संवेदनशीलता जैसे विषयों पर कुलपति प्रो. आशा शुक्ला की उपस्थिति में अनुसूचित जनजाति एवं अनुसूचित जाति गाँव में युवाओं, महिलाओं तथा बच्चों को समस्याओं को जानने और उसमें निदान की पूरी कोशिश करेंगे । इस टीम के समन्वयक प्रो. देवाशीष देवनाथ, डॉ. मनीषा सक्सेना, डॉ मनोज कुमार गुप्ता, डॉ. रामशंकर, डॉ. शैलेंद्र और डॉ. कौशलेंद्र धनराज डोंगरे शामिल है ।


पखवाड़े में अंतर्गत 27 नवंबर को कुलपति के नेतृत्व में गोलखेड़ा कुराड़ाखेड़ी गाँव में 30 नवंबर कुआली गाँव 4 दिसंबर तथा खेड़ी सीहोर गाँव में 5 दिसंबर को विश्वविद्यालय टीम गाँव से संवाद कार्यक्रम में महिलाओं व बच्चों को सशक्त बनाने के लिए स्थानीय उत्पादों को सामने लाने के उद्देश्य से संवाद कायम करेगी ।


प्रो. आशा शुक्ला ने कहा की महात्मा गांधी डॉ. बी. आर. अंबेडकर और देश के यशस्वी प्रधानमंत्री स्वयं सोचते है कि देश कि आत्मा गाँव में बसती है । गाँव की सरकार की मजबूती के बगैर गाँव का विकास संभव नहीं है ।

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