तनिष्का राणा। कतर की राजधानी दोहा में, भारत के आठ पूर्व नौसैनिकों को सज़ा-ए-मौत सुनाई गई। भारत के मंत्रालय द्वारा गुरुवार को यह कहा गया कि हम इस फैसले से स्तब्ध हैं और कतर के प्रशासन के साथ मिलकर इस मुद्दे को ज़रूर उठाएंगे। इस बयान में यह भी कहा गया कि ‘भारत सरकार इस मामले की तह तक जांच करेगी’। कतर प्रशासन ने अभी तक इस मामले के आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है। कोर्ट ऑफ फर्स्ट इंस्टैंस ऑफ कतर ने अल दहरा कंपनी के आठ अधिकारियों से जुड़ा फैसला दिया है। मंत्रालय ने कहा कि हम इन सभी अधिकारियों के परिवारजनों के साथ संपर्क में है। साथ ही यह भी कहा गया कि हम इस मामले पर बारीकी से नज़र रखेंगे।

ये भारतीय नौसैनिक अल दहरा कंपनी के कर्मचारी थे और इन्हें पिछले साल जासूसी करने के मामले में हिरासत में लिया गया था। ऐसा माना जा रहा है कि इन सभी को सुरक्षा संबंधी मामले में गिरफ्तार किया गया था। ये सभी अफसर कतर के अफसरों को रक्षा संबंधी सेवाएं देते थे। इन अफसरों को, 30 अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया गया और इस मामले की खबर एक माह के बाद कतर की राजधानी दोहा में भारतीय दूतावास को दी गई। इस पूरे मामले पर, कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने सरकार को घेरते हुए कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत सरकार अफसरों की रिहाई के लिए अपने राजनयिकों का सही उपयोग अवश्य करेगी।

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