दीपक झा। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा विश्व आज गद्दार दिवस मनाये। 20 जून 2022 को शिवसेना को तोड़कर एकनाथ सिंदे ने बीजेपी के साथ सरकार बनाई। 2019 में आम विधानसभा चुनाव हुआ, जिसमे एनडीए ने जीत हासिल की। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींच तान शुरू हो गई, और एनडीए टूट गई। 2019 के आम विधानसभा के चुनाव के बाद ऐसा भी देखने को मिला जो कभी किसी ने सोचा भी नहीं था। बीजेपी और शिवसेना जो कभी एक दूसरे के बेगर अधूरे रहे थे। कट्टर हिंदूवादी संगठन पार्टी एक मुख्यमंत्री पद, जिसके लिए सहमति नहीं बन पाई, और दोनो की राह जुदा हो गई। शिवसेना संस्थापक बालासाहेब ठाकरे ने जो कभी कहा था, की मैं मर जाऊंगा, लेकिन कांग्रेस के साथ कभी गठबंधन नहीं करूंगा। ऐसा दिन आया तो मैं पार्टी को खत्म कर दूंगा। लेकिन समय का चक्र देखिए, उनके ही बेटे ने 2019 में बीजेपी से नाता तोड महाविकास अघाड़ी गठबंधन बनाई। जिसमे एनसीपी और कांग्रेस दोनों ही शामिल थे। 106 सीट लाने वाली पार्टी बीजेपी जिसको विपक्ष में बिठाया।

आपको बता दे तो तत्कालीन शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने एक इंटरव्यू में कहा था, हमने खुद नहीं सोचा था की हम कभी कांग्रेस से गठबंधन करेंगे। लेकिन बीजेपी हमारी पीठ पर छुरा भोका है, जिसके बाद से हमें यह फैसला लेना पड़ा। सर्व सहमति से महाविकास अघाडी का नेता उद्धव ठाकरे को चुन लिया गया, और वो महाराष्ट्र में, ठाकरे परिवार के पहले मुख्यमंत्री बन गए।सब कुछ सही चल रहा था, लेकिन बीजेपी अपने काम पर थी, और वो लगातार सरकार को तोड़ने में लगी थी। शिवसेना नेता एकनाथ सिंदे को अपनी साइड कर सरकार गिरा दी। एकनाथ सिंदे जो कभी उद्धव ठाकरे के सबसे करीबी थे। वो बीजेपी के साथ मिल कर मुख्यमंत्री बने 40 विधायकों के साथ एकनाथ सिंद ने बगावत की। जिसके वजह से उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद से हाथ धोना पड़ा। साथ उनकी पार्टी भी चली गई, 1966 में जो पार्टी बनी थी, उसमें पहली बार 20 जून 2022 को टूट हुई, और दो भागो में शिवसेना बट गई, चुनाव आयोग से शिवसेना का उत्तराधिकारी सिंदे को चुन लिया गया। 20 जून 2023 को एक साल होंगे। जिसपर अब राजनीति भी तेज है, इसको लेकर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने यूएन में एक खत भेजा। जिसमें एकनाथ सिंदे को गद्दार और 20 जून को गद्दार दिवस मनाए जाने की अपील की।

About Post Author