मंदिर के आस पास प्रसाद बेचने के लिए, लेना होगा लाइसेंस

मंदिर

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अनुराग दुबे: भारत में मंदिरों की संख्या काफी अधिक है, और हम असानी से देख सकते हैं कि मंदिरों के आस-पास प्रसाद के दुकान लगे होते हैं, और हम प्रसाद को खरीदते हैं, साथ हीं हम उसको ग्रहण करते हैं। कई बार हमारे सामने यह मामला आता है कि खरीदे हुए प्रसाद की गुणवत्ता काफी नीचले स्तर का होता है। फिर दुकानदार से कई बार हम इस बात को लेकर शिकायत भी करते हैं। यहाँ तक तो कई बार दुकानदार से विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।
भारत में मंदिरों की संख्या अनगिनत है। हालांकि है तो भगवान का प्रसाद लेकिन कई बार खराब गुणवत्ता के वजह से हमारी सेहत को भी हानी पहुंच सकती है। लेकिन अब कुछ नया नियम निकला है, जिसके कुछ नियम और शर्तें हैं। अब से अगर कोई भारत के किसी भी मंदिर के पास प्रसाद बेचता है तो उसको, प्रसाद बेचने के लिए लाइसेंस लेना पडेगा । सबसे पहले आपकी प्रसाद की गुणवत्ता की जाँच की जाएगी, आपके प्रसाद की गुणवत्ता अगर सही रहेगी तो फिर आपको लाइसेंस दिया जाएगा। खाद्ध विभाग के अधिकरीयों की माने तो प्रसाद बेचने वाले जगह पर आपको स्वछता का भी ध्यान देना पडेगा। मंदिर के आस – पास प्रसाद बेचने वाले को खाद्ध विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य है, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो फिर आपके उपर कानुनी प्रक्रिया भी की जा सकती है। सबसे बडी बात यह है कि जो लोग मंदिर के आस पास भंडारे का आयोजन करते हैं तो उनको भी लाइसेंस लेना पडेगा। और इस लाइसेंस का मूल्य सिर्फ 100 रुपये होगा और इसका कालखण्ड 1 साल का रहेगा। जिन दुकानदारों का सालाना आय 12 लाख रहेगा उनको 100 रुपये में लाइसेंस मिलेगा और जिनका 12 लाख से अधिक रहेगा उनको 2000 में मिलेगा. यह सबके लिए अनिवार्य है।

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