लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कोई बुराई नहीः सीएम योगी

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र की आज से शुरूआत हो गई है।  इस सत्र से पहले समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च निकाला. जिसको लखनऊ पुलिस ने रोक दिया। वहीं पुलिस द्वारा रोके जाने पर अखिलेश यादव धरने पर बैठक गए। पुलिस का आरोप है कि सपा ने मार्च के दौरान रुट फॉलो नहीं किया है।

इससे पहले ही सपा ने अखिलेश यादव के नेतृत्व में पैदल मार्च शुरू किया. मार्च के दौरान अखिलेश यादव के साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं का हुजूम दिखाई दिया। रास्ते में ही रोके जाने से नाराज सपाइयों ने सड़क पर ही छद्म विधानसभा आयोजित कर वंदे मातरम के नारे लगाए और विधायक अरविंद गिरी के निधन पर शोक व्यक्त किया। इसके बाद धरना खत्म कर सभी सपा कार्यालय वापस लौट गए।

वहीं सपा हंगामें को लेकर सीएम योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी से नियमों के पालन की उम्मीद कपोल कल्पना है. आंदोलन के लिए उन्हें नियमानुसार अनुमति मांगनी चाहिए.

उन्होंने कहा, “किसी भी दल और नेता को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कोई बुराई नहीं है. हर व्यक्ति को अधिकार है. नियमानुसार उन्होंने कोई अनुमति मांगी होगी तो पुलिस उन्हें सुरक्षित और सही मार्ग आवश्य देगी। उन्होंने आगे कहा कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। जनता को इस सत्र से बड़ी उम्मीदें हैं। दूसरी तरफ यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव

कहा यदि रोकना था तो कल परमिशन क्यों दी। प्रशासन का कहना था कि जीपीओ के बजाय वीवीआइपी गेस्ट हाउस और एनेक्सी होते हुए विधानसभा जाएं।  सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में इस पदयात्रा का आयोजन किया था। पदयात्रा को लेकर विक्रमादित्य मार्ग को छावनी बना दिया गया।  वीवीआईपी चौराहा से लेकर सपा कार्यालय तक बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई। इस रास्ते पर आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया।

बता दें किनयूपी विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गयाहै। 23 सितंबर तक चलने वाले 18वीं विधानसभा के दूसरे सत्र को शांतिपूर्ण तरीके से चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई, लेकिन विपक्ष ने महंगाई व कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर सरकार घेरने का ऐलान किया

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