सीडीएस बिपिन रावत को श्रृद्धांजली देने पहुंचे सीनियर जनरल जे.जे. ने बताई सच्चाई

सीडीएस विपिन रावत

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चीफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत को अंतिम विदाई देने के लिए नेताओं और अधिकारियों का कतार लगी रही। इसी बीच एक ऐसा सख्स शामिल हुआ जो जनरल रावत का 2005-07 में सीनियर हुआ करता था। सीनियर जनरल जे.जे सिंह ने नम आंखों से श्रृद्धाजंली देते हुए अपने जूनियर की मार्मिक सच्चाई बताई।
उन्होंने कहा कि मेरी सैन्य जिंदगी में शायद वह पहला और इकलौता ऐसा मौका होगा, जब बिपिन रावत ने जूनियर होने के बावजूद अपनी काबिलियत के आधार पर मुझे अपना फैसला बदलने पर मजबूर कर दिया था। काफी समय विचाराधीन रहने के बाद बिपिन का सुझाव स्वीकार करना पड़ा था। आज सचमुच मैंने अपना जूनियर अफसर नहीं बल्कि हमारी सेना ने दूरदृष्टि रखने वाला एक बेहतरीन योद्धा खो दिया। उन्हें नमन करने के लिए सिवा सेल्यूट करने के मेरे पास और कोई शब्द ही नहीं है।

स्वामी विवेकानंद ने कभी कहा था- “दुनिया में अधिकांश लोग इसलिए असफल हो जाते हैं क्योंकि विपरीत परिस्थितियां आने पर उनका साहस टूट जाता है और वह भयभीत हो जाते है। लेकिन जनरल रावत को आने वाली पीढ़ियां इसलिये याद रखेंगी कि मुश्किल घड़ी में भी न उनकी हिम्मत टूटी और न ही वे अपने दुश्मन मुल्क से कभी डरे।
घटना तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार यानी 8 दिसंबर की दोपहर हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। इस हेलिकॉप्टर में उस वक्त देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत भी अपनी पत्नी मधुलिका के साथ मौजूद थे। दरअसल बुधवार को सीडीएस, जनरल बिपिन रावत अपनी पत्नी मधुलिका रावत और अन्य 11 लोगों के साथ नीलगिरि हिल्स के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के स्टाफ कोर्स के संकाय और छात्र अधिकारियों को संबोधित करने जा रहे थे। इसी दौरान तमिलनाडु के कुन्नूर के पास सैन्य हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से उसमें मौजूद 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई।

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