मध्यप्रदेश में गठबंधन के सहारे पार्टियां बना रहीं, विस्तार की योजना

लवी फंसवाल। बीते 30 सालों से समाजवादी पार्टी हर साल मध्य प्रदेश विधानसभा में अपनी उम्मीदवार को उतारती है। इन तीन दशक में लड़े गए मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी का सबसे बेहतरीन प्रदर्शन 2003,या उससे पहले 1998 को रहा था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कह रहे हैं, कि अब जब कांग्रेस ने ‘इंडिया’ गठबंधन बना लिया है, तो समाजवादी पार्टी अपने फलक को और ज्यादा मजबूत करने में लग गई है। इस गठबंधन के साथ पार्टी ने मध्य प्रदेश में अपने बिस्तर की बड़ी योजना बनाई। जानकारों का कहना है कि फिलहाल कांग्रेस सीटों के इनकार के बाद गठबंधन के सहारे पार्टी को विस्तार रूप देने को लेकर, समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका तो लगा ही है।
सियासी जानकारी का कहना है कि समाजवादी पार्टी के साथ अन्य कई प्रादेशिक दल इंडिया गठबंधन के सहारे अपनी पार्टियों को दूसरे राज्यों तक पहुंचने की योजना में लगे हैं। क्योंकि यह गठबंधन राज्य स्तर के विधानसभा चुनाव में उतना प्रभावी नहीं है। इसलिए क्षेत्रीय दलों के विस्तार का इस गठबंधन के सहारे बड़ा फलक पाने की योजना फिलहाल आगे बढ़ती हुई नहीं दिख रही है। सियासी जानकार अराए सचान ने कहा, समाजवादी पार्टी नहीं बल्कि अन्य कई दल अपनी पार्टियों को दूसरे राज्यों में विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। वह चाहते हैं कि गठबंधन की नींव के आधार पर उनको भी कुछ सीटें मिले, ताकि इसके सहारे में आगे बढ़ सके। लेकिन कांग्रेस की ओर से हाथ खींचने पर समाजवादी पार्टी अब बीते तीन दशकों की तरह इस बार भी अकेले ही बगैर किसी बड़े गठबंधन के सियासी मैदान में मध्यप्रदेश में अपनी किस्मत आजमाएगी।

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