राजतिलक शर्मा। इजरायल और हमास संघर्ष के बीच हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। भारत सहित अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, कनाड़ा सहित कई यूरोपीय देश इजरायल को अपना समर्थन दे चुके हैं। इन देशों ने हमास के आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। वहीं अमेरिका ने इजरायल को अपना छोटा भाई बताते हुए अपने युद्धपोत इजरायल भेज दिए हैं। अमेरिका के एक्शन को देखते हुए रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने भी काला सागर में अपने लड़ाकू विमानों को तैनात कर दिया है। पुतिन के तेवर को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि हमास और रूस दोनों ही लोकतंत्र को खत्म करना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि पुतिन का आतंक और हमास की बर्बरता अलग-अलग खतरों का प्रतिनिधत्व करते हैं। बाइडन ने बताया कि वह अमेरिकी कांग्रेस से यूक्रेन और इजरायल की बड़े पैमाने पर मदद को लेकर सिफारिश करेंगे। उन्होंने संदेह जताया कि अगर इसी तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस तरह की आक्रामकता रही तो दुनिय के दूसरे हिस्सों में भी संघर्ष फैल सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इजरायल और मिस्र के नेताओं से हुई बातचीत के बारे में बताया कि उन्होंने गाजा में फंसे फिलिस्तीनी नागरिकों के लिए संयुक्त राष्ट्र से मानवीय सहायता के लिए कहा। इसको लेकर सहमति बन गई है, और सहायता की पहली खेप अस्पताल से संबंधित रक्षक चीजें होंगी जिसकी गाजा के लोगों को सख्त जरूरत है।

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