डॉ अंबेडकर से जुड़े पंच महातीर्थ

ROSHANI AHIRWAR
(ग्रेटर नोएडा) महान अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ और दलित वर्ग के उद्धारक के रूप में प्रसिद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर को हम भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में भी जानते हैं। डॉ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल वर्ष 1891 में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के महू में हुआ था। इसी कारण से 14 अप्रैल के दिन को अंबेडकर जयंती के रूप में मनाते हैं। भारत के विभिन्न स्थानों में बड़े ही उत्साह के साथ अंबेडकर जयंती को मनाया जाता है। पंच महातीर्थ डॉ.अंबेडकर के जीवन से जुड़े हुए वह महत्वपूर्ण स्थान है। जहां उनके जीवन से जुड़ी कई घटनाएं घटित हुई थी। डॉक्टर अंबेडकर के जीवन से जुड़े हुए महत्वपूर्ण स्थानों को पंच महातीर्थ के रूप में, शामिल करने की अवधारणा, भारत सरकार द्वारा 2016 में प्रस्तावित की गई थी। इस प्रस्ताव को डॉक्टर अंबेडकर सर्किट कहा गया। जिसमें पर्यटन को बढ़ावा देने, के उद्देश्य से इन स्थानों को सर्किट में शामिल किया गया है।
1. पंच महातीर्थ में सबसे पहले अंबेडकर के जन्म स्थान यानी मध्य प्रदेश के महू को रखा गया, 14 अप्रैल 1891 में महू (मिलिट्री हेडक्वार्टर ऑफ़ वॉर) की सैन्य छावनी में डॉक्टर अंबेडकर का जन्म हुआ था, इस लिहाज से भी यह स्थान महत्वपूर्ण है।
2. इसके बाद सर्किट में डॉक्टर अंबेडकर के जीवन से जुड़े हुए महत्वपूर्ण स्थान में लंदन को शामिल किया गया है। लंदन ही वह जगह है जहां, अम्बेडकर अपनी विदेशी शिक्षा के दौरान रुके थे।
3. तीसरा प्रमुख सर्किट नागपुर को माना गया, जहां उन्होंने अपनी पत्नी सविता समेत, 5 लाख अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म को अपनाया था।।
4. चौथे महत्वपूर्ण स्थान के तौर पर दिल्ली को शामिल किया गया है। यही डॉक्टर अंबेडकर अपने जीवन के अंतिम चरण मृत्यु तक पहुंचे।
5. अंतिम और पांचवें महातीर्थ में मुंबई को शामिल किया गया है डॉक्टर अंबेडकर का मृत्यु उपरांत दाह संस्कार मुंबई में किया गया था।