अब PMLA के तहत ED करेगी दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया की जाँच

सिसोदिया

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काजल मौर्य। सीबीआई ने दिल्ली शराब घोटाले में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर समेत उनके कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद अब इस केस ने एक नया मोड़ ले लिया है। अब इस केस में ED यानी प्रवर्तन निदेशालय भी जाँच करेगी। इस केस में मनीष सिसोदिया पर 3 धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है। जिनमें से दो धाराऐं PMLA एक्ट यानी (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग) के तहत आते हैं। ED के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर सत्येंद्र सिंह का यह मानना है कि ED अगले 1-2 दिन में इस केस में एंट्री मार सकती है।


CBI द्वारा सिसोदिया पर दर्ज FIR के मुताबिक मनीष सिसोदिया पर इंडियन पीनल कोड (IPC) की धारा 120B, 477A और प्रिवेंशन ऑफ करप्शन (POC) की धारा 7 के तहत केस दर्ज किया गया है। ED की जांच इनमें से दो धारा- IPC की धारा 120B और POC की धारा 7 के तहत हो सकती है। ये दोनों धाराएं PMLA एक्ट के तहत अनुसूचित अपराध में आते हैं। ED इस तरह के मामलों में फौरन कार्रवाई करती है।


जानकारों की मानें तो ED प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत हर अपराध में एक्शन नहीं ले सकती। इसके लिए हर अपराध पर अलग-अलग एक्ट जैसै- इंडियन पीनल कोड(IPC), अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट, कंपनी एक्ट, आर्म्स एक्ट , कस्टम्स एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई होती है। PMLA की धाराओं में बताया गया है कि अगर इन धाराओं से जुड़ा कोई अपराध होता है, तो इन मामलो में ED शामिल हो सकती है।


जानकारों का दावा है कि ED और CBI दोनों ही अब इस मामलें में अहम भूमिका निभाते ऩजर आ सकते हैं। क्योंकी ED के शामिल होते ही CBI और ED दोनों ही अलग-अलग ऐंगल से इस मामलें पर फोक्स करके इसे अनजाम तक पहुँचा सकते हैं। क्योंकी अगर CBI की जांच का फोक्स होगा कि अपराध में शामिल लोगों ने कैसे पैसे लिए और सरकार का क्या नुक्सान किया, तो ED की जांच का फोक्स ये होगा कि अपने पद का दुरुपयोग किस-किसने किया? और किसने, किसे, कब और कितने पैसे दिए? ED इस मामले में मनी चेन को ट्रैक करेगी।

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