आईआईएमटी कॉलेज के प्रबंध निदेशक ने गरीबों को बांटे कंबल

गरीबों

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लेखक के विचार स्थानीय कवरेज के अनुसार अंकित किए गए है, इंसानीयत के मायने शब्दों को संजोया गया है- मोहित कुमार

दिल्ली एनसीआर में कड़ाके की सर्दी ने कोहराम मचाकर रख दिया है। सर्दी का असर उन गरीबों पर अधिक है जो फुटपाथ पर रात गुजारते है। गरीबी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए कुछ इंसान आज भी भगवान बनकर सामने आ जाते है। व्यक्ति भले ही सफलता की ऊंचे पड़ाव पर पहुंच जाए, लेकिन कुछ लोगों में उदारता और स्वाभिमानता बर्करार रहती है। ऐसे ही उदार दिल वाले सख्स आईआईएमटी कॉलेज के प्रबंध निदेशक डॉ. मंयक अग्रवाल ने सर्दी के बचाव के लिए कंबल वितरण किए। दरअसल कड़कड़ाती सर्दी गरीबों की मौत का चादर बनकर बरसती है। उसी सर्दी से गरीबों को नई जान डालने वाले मंयक अग्रवाल ने उदारता की मिशाल पेश की। दिल्ली एनसीआर दिसंबर औऱ जनवरी वो समय है जब बर्फवारी होती है। घर से बाहर निकलने में विवशता देखने को मिलती है। इसी ठंड में गरीब सड़कों पर जीवन गुजारते है। एनसीआर में इसी बीच प्रदूषण का खतरा भी दिन प्रतिदिन बढ रहा है। आज दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 398 रहा। मालूम हो, 200 पार एक्यू लेवल खतरे के निशान को दर्शाता है। फिलहाल स्वास्थ्य टीम और मौसम विभाग वायु गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास करने में जुटी है। जनजीवन में सर्दी औऱ गर्मी का मध्य स्तर काफी प्रभावशाली होता है। वहीं, दिल्ली एनसीआर हर मौसम से अत्याधिक प्रभावित रहता है। आईआईएमटी कॉलेज के एमडी डॉ. मंयक अग्रवाल ने गरीबो के प्रति स्नेहभाव प्रकट किया। उन्होंने कहा कि, सड़कों पर पड़े गरीब भी हमारे भाई है, इनकी मद्द के लिए सभी लोग आगे आए। शास्त्रों में कहा गया है कि सुक्षेत्रे वापयेद्बीजं सुपात्रे निक्षिपेत धनम् अर्थात अच्छे खेत में बीज बोना चाहिए और सुपात्र को दान देना चाहिए, इसी वक्तव्य को इन्होंने सिद्ध किया है।

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