आइए जानते हैं क्या होती है पैटर्निटी लीव

पैटर्निटी लीव

पैटर्निटी लीव

कुछ दिन पहले ट्विटर के संस्थापक पराग अग्रवाल ‘पैटर्निटी लीव’ पर गए हैं। आपको बता दे कि पैटर्निटी लीव यानी बच्चे के जन्म पर जब पिता उनकी देखभाल के लिए छुट्टी लेते हैं। वहीं पराग के पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई। कुछ का कहना है कि पैटर्निटी लीव मिलनी चाहिए तो कुछ का कहना है कि ये बेकार की चीज है। गर्भ में पलने वाला बच्चा मां का अंश होता है इसलिए वह जन्म के तुरंत बाद से ही अपनी मां को पहचानने लगता है। मां के साथ उसकी बॉन्डिंग आसानी से बन जाती है। पिता के लिए यह काम थोड़ा मुश्किल भरा होता है। यही कारण है कि कई बार बच्चा जन्म के बाद पिता को देखकर रोने भी लगता है।


दरअसल, प्रेग्नेंसी के 26वें से 32वें हफ्ते के बीच जब होने वाली मां अल्ट्रासाउंड के लिए जा रही है, तब पिता भी साथ जाना चाहिए। वैसे इस दौरान अल्ट्रासाउंड की फोटो देखकर पिता बच्चे की एक छवि बना सकता है। आज के समय में 4D स्कैन काफी पॉपुलर है। आप बच्चे की स्कैन फोटो को ले सकते हैं। आप चाहें तो स्कैन को वॉलपेपर के रूप में या मोबाइल सेवर में भी लगा सकते हैं।
23 हफ्ते के बाद गर्भ में पल रहे बच्चे की सुनने की क्षमता काफी बढ़ जाती है। जब मां को लगे कि बच्चा पेट में किक मार रहा है तो उस दौरान पिता को भी बच्चे से बातचीत शुरू कर देनी चाहिए। ऐसे में भले ही बच्चा आपकी बात नहीं समझ रहा, लेकिन वह आपकी आवाज पहचानने लगता है।


गौरतलब है कि मां के साथ पिता को भी डिलीवरी से जुड़ी जरूरी जानकारी पता होनी चाहिए। आप मां के पेट पर हाथ रखकर बच्चे को कोई कहानी या गाना सुना सकते हैं। शोध में भी यह बात सामने आई है कि बच्चा पेट में रहने के दौरान जो धुन सुनता है, पैदा होने के बाद उसी धुन के सुनने पर पॉजिटिव रिस्पॉन्स करता है।

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