आईएमडी ने अलर्ट जारी करते हुए बताया, दक्षिणी राजस्थान और उत्तरी गुजरात में हो सकती है मूसलाधार वर्षा

काजल पाल। चक्रवाती तूफान अभी बाड़मेर से 80 किलोमीटर और जोधपुर से तकरीबन 210 किलोमीटर की दूरी पर है। यह तूफान 6 घंटे में थोड़ा-बहुत कम होता जा रहा है। चक्रवाती तूफान का मानसून पर कोई असर देखने को नहीं मिलेगा ।चक्रवाती तूफान जो कि अरब सागर से उठ कर आया है। धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। जिसकी वजह से अब कुछ जगहों पर हाई प्रेशर सेंटर बन गए हैं। मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र का कहना है, कि दक्षिणी राजस्थान और उत्तरी गुजरात के आसपास के क्षेत्रों में भी एक- दो जगह पर मूसलाधार बारिश होने की आशंका जताई जा रही है। चक्रवात की वजह से गुजरात और राजस्थान में भारी बारिश हो सकती है। सबसे ज्यादा बारिश दक्षिणी, पश्चिम राजस्थान में होने की संभावना है।

आपको बता दें ,उदयपुर में तेज बारिश और तेज हवाओं से एक इमारत की मंजिल से कांच गिर गया था। जिससे इमारत के नीचे खड़ी कारों को काफी नुकसान पहुंचा था। चक्रवाती तूफान ने कच्छ के भुज में बहुत सारे पेड़ों को जड़ से उखाड़ दिया, जिसकी वजह से प्रकृति को भी काफी नुकसान हुआ है। एनडीआरएफ की टीम ने शुक्रवार को ही लोगों को रेस्क्यू करने का काम सौंप दिया था। देखा जाए बंदरगाह में, तो गुरुवार की रात को तूफान की वजह से लैंडस्केप तक हो गया था। एनडीआरएफ की टीम ने रूपेन बंंदार प्राइमरी स्कूल से 127 नागरिकों को सुरक्षित कर रेस्क्यू किया। जिसके बाद सभी को एनडीए स्कूल में शिफ्ट करा दिया गया। रेस्क्यू किए गए लोगों में 15 बच्चे, 27 महिलाएं और 87 पुरुष थे। जिनको एनडीआरएफ की टीम ने सही सलामत रेस्क्यू कर तूफान में फंसे लोगो को सुरक्षित बाहर निकाला।

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