भाई दूज का महत्व, जानिए क्या होता है संकल्प ?

भाई दूज त्योहार
आज कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि है। पूरा देश भाई दूज का पर्व मना रहा है। आज के दिन बहनें भाई के माथे पर तिलक करके उसकी लंबी आयु और सुख समृद्धि की कामना करती हैं। रक्षाबंधन की ही तरह भाईदूज का भी काफी महत्व है। इस दिन बहनें पूजा करती हैं, कथा कर व्रत रखती हैं और भाई को तिलक लगाती हैं. वहीं, भाई भी बहन की रक्षा का संकल्प लेता है और उन्हें उपहार देता है. भाईदूज के दिन बहनें पूजा की थाली सिंदूर, कुमकुम, चंदन, फल, फूल, मिठाई, सुपारी आदि से सजाती हैं।
भाईदूज को भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, आदि नामों से भी जाना जाता है. भाईदूज के दिन यमुना के भाई यमराज का पूजन किया जाता है. पौराणिक कथा के अनुसार मान्यता है कि इस दिन यम देव अपनी बहन यमुना के कहने पर घर पर भोजन करने गए थे।
ज्योतिषियों के अनुसार इस साल भाईदूज पर भाई को तिलक करने का शुभ मुहूर्त दोपहर 1:10 से 3:21 बजे तक है. इस दिन यमुना में स्नान करने का भी महत्व है। लोग प्रात: काल से ही यमुना के तटों पर पहुंचने लगे है। और स्नान ध्यान करके पूजा पाठ और दान आदि कर रहे है।