झारखंड में अजीबो-गरीब पहाड़, पत्थर फेंकने से गर्भाशय की देता जानकारी

चमात्कारी पहाड़ी

चमात्कारी पहाड़ी

आज भी देश में कई चमत्कारिक स्थान है जो अजीबो गरीब कहानियों से जुड़ा है। ऐसा ही एक स्थान झारखंड में है, जहां एक पहाड़ी पर पत्थर फेंकने से गर्भाशय का पता चल जाता है। किसी मां-बाप को सोनोग्रापी की जरूरत नहीं पड़ती है। दरअशल आपको सुनने में झूठ लग रहा होगा लेकिन इस दास्तां को सच्चाई से स्पष्ट किया गया है। इस पहाड़ी को चांद पहाड़ के नाम से जानते है। इसका आकार चांदी के कटोरे जैसा बना हुआ है। जिसमें पत्थर फेंको तो बाहर निकल जाए तो बेटी का जन्म होगा और अगर अंदर ही रह जाए तो समझ लीजिए कि आपके आंगन में बेटे की किलकारियां शुरु होने वाली है। दरअशल ये घटना झारखंड के झारखंड के लोहरदगा स्थित खुखरा गांव में एक ऐसी भी पहाड़ी है जो गर्भ में पल रहे नवजात की जानकारी दे देता है। स्थानीय लोग भी इस पहाड़ी को लेकर खासे प्रभावित हैं। लोगों का कहना है कि बिना पैसे खर्च किए हम आसानी से पता लगा लेते हैं कि किसी के गर्भ में क्या है। यह रिवाज यह रिवाज यहां 400 साल पहले नागवंशी राजाओं ने शुरू किया था। इसके बाद से ही यह परंपरा चली आ रही है। स्थानीय लोगों में इस पर्वत को लेकर काफी मान्यता है। लोगों का कहना है कि पुरानी परंपरा को निभाया जा रहा है। अगर किसी को इतनी आसानी से गर्भ का पता चल जाता है तो इसमें क्या बुराई। लोगों का कहना है कि पहाड़ी के ऊपर एक चांद के आकार की आकृति बनी हुई है। यही नवजात शिशु के लिंग की जानकारी देती है। लोगों का कहना है कि इस पहाड़ी पर लोग पत्थर मारकर जांच करते हैं कि गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। मालूम हो, गर्भाशय का पता लगाना कानूनन अपराध है जिसकी वजह से जच्चा और बच्चा की चिकित्सकीय जांच नहीं करवाई जाती है। सोनोग्राफी पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पिर भी सोनोग्राफी से अच्छा काम करने वाली इस पहाड़ी का चमत्कार काफी चौकानें वाला है।

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