मारिया टेल्कस

मारिया टेल्कस

अपने होमपेज Google ने आज अपने लोगो को सौर ऊर्जा वैज्ञानिक मारिया को  सम्मान देते हुए एक एनिमेटेड डूडल (Google Doodle) बनाया है।  इनको  ‘द सन क्वीन’ (The Sun Queen) भी कहा जाता है।  मारिया टेल्क्स का जन्म 12 दिसंबर, 1900 को बुडापेस्ट के हंगरी शहर में हुआ था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ बुडापेस्ट से 1924 में पीएचडी सहित साइंस में पूरी शिक्षा हासिल  थी। अपने पढ़ाई पूरी करने के बाद  उस वर्ष, टेल्क्स ने यूएस में अपने एक रिश्तेदार के यहां घूमने गईं और फिर फैसला किया अब वो वहीं रहेंगी। अपने शुरुआती करियर में मारिया टेल्कस ने बायो फिजिक्स और लिविंग थिंक्स द्वारा बनाई गई एनर्जी पर शोध  किया। उनकी दिलचस्पी  पहले से ही गर्मी को एनर्जी में बदलने की थी।  1939 ने  उन्होंने MIT रिसर्च ग्रुप के साथ जुड़ गईं, जो सोलर एनर्जी पर ही फोकस्ड हो कर काम करता था। अमेरिकी गवर्नमेंट के ऑफिस ऑफ साइंटेफिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने दूसरे वर्ल्ड वॉर के दौरान मारिया टेल्कस को हायर किया, ताकि वो अपने आइडिया के साथ नई तकनीक पर शोध कर सकें। उन्होंने अपने शोध के जरिये सोलर पॉवर्ड डिस्टिलर से समुद्री खारे पानी को पीने के लायक बनाया, ताकी युद्ध के दौरान समुद्र में खो जाने वाले सैनिक पानी पी सकें।  उनका यह सबसे प्रसिद्ध  और चर्चित आविष्कार था। बात उन दिनों की है जब वो MIT के साथ काम कर रही थीं। इस दौरान उन्होंने Massachusetts में ठंड में घर को गर्म करने के एक प्रोजेक्ट में भाग लिया, लेकिन उनका ये प्रयोग फेल हो गया और उन्हें MIT की सोलर एनर्जी टीम से हटा दिया गया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी इस समस्या का हल ढूंढने का फैसला किया, और अपने काम में जुटी रहीं। उसके बाद उन्होंने 1948 में आर्किटेक्ट एलेनोर रेमंड के साथ मिलकर एक ऐसी प्रणाली का अविष्कार किया, जिसकी मदद से सूरज की रोशनी की गर्मी से दीवारों को गर्म किया जा सकता था। MIT छोड़ने के बाद 1953 में उन्होंने  न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में सोलर एनर्जी पर अपना रिसर्च जारी रखा।  जहां उन्होंने डोनेशन के पैसों से ऐसा ओवन तैयार किया, जो सोलर एनर्जी से संचालित होता था।

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