केरल में मंकीपॉक्स के पहले मामले की पुष्टि

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छाया सिंह। केरल के कोल्लम शहर में देश के पहले मंकीपॉक्स के मामले की पुष्टि हुई हैं। केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया है, कि यूएई से केरल लौटे एक व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण देखे गए है। यह व्यक्ति संयुक्त अरब अमीरात में मंकीपॉक्स से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आया था। उसे जांच के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया है। मरीज को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, और इलाज जारी है।
दुनियाभर के कई देशों 800 से ज्यादा मामले, नही हुई एक की भी मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, कई देशों में इस वक्त मंकीपॉक्स के अलावा भी कई भयंकर बीमारियों का कहर फैला हुआ है। दुनिया के 27 देशों में मंकीपॉक्स के करीब 800 मामले सामने आ चुके हैं। राहत की बात ये हैं, कि अब तक किसी की एक भी मौत नहीं हुई है।
मंकीपॉक्स के लक्षण
इस बीमारी में चेचक के जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, लेकिन यह बीमारी बुखार से शुरु होती है, जिसके बाद सिर दर्द, मांसपेशियों का दर्द, पीठ में दर्द व लसिका ग्रंथियों में सूजन, ठंड लगना और थकावट का होना।
कैसे फैलता है मंकीपॉक्स
मंकीपॉक्स एक जेनेटिक बीमारी है, य़ह वायरस जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। यह शरीर में त्वचा के घाव, आंख, नाक व मुंह के माध्यम से प्रवेश करता है।
मंकीपॉक्स से कैसे करे बचाव
• बीमार जानवरों के संपर्क में आने से बचें।
• संक्रमित मरीजों को आइसोलेशन मे रखें।
• अपने हाथों को अच्छी तरह से धोय़े।
• वायरस फैलाने वाले जानवरों को घर में न रखें।
क्या है, मंकीपॉक्स का इलाज
दुनियाभर के कई देशों में 800 से ज्यादा मामले। इस वक्त मंकीपॉक्स का कोई भी इलाज नहीं है। चेचक के टीके, एंटीवायरल और वीआईजी का उपयोग इस रोग के प्रकोप को रोकने के लिए किया जाता है।

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