सिंघू बॉर्डर हुए दलित हत्याकांड के बाद किसान आंदोलन पर छाया संकट

राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डरों पर पिछले करीब 10 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन के बीच शुक्रवार को कुछ ऐसा हुआ है जिसके बाद आंदोलन पर संकट का साया मंडराने लगा है। दिल्ली-हरियाणा के सिंघू बॉर्डर पर दलित युवक लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी गई। हत्या के बाद शव को पुलिस के बैरिकेड पर लटका दिया गया। इस हत्या कांड ने पूरे किसान आंदोलन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। भले ही संयुक्त किसान मोर्चा ने इस बर्बर घटना के बाद निहंगो से दूरी बना ली हो लेकिन किसान आंदेलन की छवि पर गहरा असर पड़ा है।

सवाल है कि क्या घटना के बाद अदालत सिंघू बॉर्डर को खाली करवा देगी? ऐसा इसलिए क्योंकि मृतक के केस को हेंडल करने वाले वकील शशांक शेखर झा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है  वकील ने अपील में कहा कि सिंघू बॉर्डर को जल्द से जल्द खाली करवा दिया जाए, नहीं तो ऐसी बर्बरता भरे मामले होते रहेंगे। ये तो स्पष्ट हो गया है कि किसान आदोंलन की छवि पूरी तरह पिट चुकी है क्योंकि एक के बाद एक दर्दनाक मामले सामने आए है। दिल्ली-एनसीआर की जनता तो पहले ही किसान आंदोलन से नाराज है और अब हरियाणा और केंद्र सरकार इसको लेकर अपना पक्ष रख चुके हैं।

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