खुदकुशी करने वालों का भी कातिल जरूर होता है

खुदकुशी

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अमीषा कुमारी : आज के समय में दुनिया के अंदर अपने काम को लेकर इतने व्यस्त हैं कि अपने आपको और परिवार को समय नहीं दे पा रहे हैं। काम का दबाव इतना है कि मानसिक रूप से कमजोर हो रहे हैं। साथ ही परिवार में आर्थिक संकट और बीमारियों के कारण खुदकुशी करने पर मजबूर हो रहे हैं। खुदकुशी को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। संगठन के अनुसार भारत को सबसे तनाव पूर्ण देशों में से एक है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार 2020 में कुल 11396 लोगों की मौत हुई थी जिनमें से 5396 लड़के एवं 6004 लड़कियां थी, कुल मिला के 1 दिन में 31 मौतें हुई और हर 1 घंटे में 1 बच्चा खुदकुशी करता है। बेंगलुरु को खुदकुशी के मामले में भारत का केंद्र माना जाता हैं। एक लाख लोगों में से 35 व्यक्ति तनाव के कारण मौत को गले लगाता है। वहीं 6 में से 1 आत्महत्या करने वाला बच्चा होता है जिसकी औसतन उम्र 25 से 24 वर्ष की बीच होती है।खुदकुशी करने के पीछे कई कारण होते हैं जैसे मानसिक या शारीरिक उत्पीड़न, यौन शोषण, नींद की कमी,गलत खान-पान। टीनएजर्स में पढ़ाई और करियर को लेकर काफी दबाव होता है। माता-पिता द्वारा मार्क्स का प्रेशर देने के कारण भी बच्चे आत्म हत्या करते हैं।
कई बार रिलेशनशिप फैलियर और नौकरी का दबाव भी आत्महत्या का कारण बनता है, और तनाव से बाहर आने के लिए शराब और ड्रग्स का सेवन करते है। इसलिए कहा जाता है कि दिखाई ना दे पर शामिल जरूर होता है, खुदकुशी करने वालों का भी कातिल जरूर होता है।

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