केंद्रीय विश्वविद्यालयों में स्नातक कोर्सो के लिए देना पड़ेगा एंट्रेंस एग्जाम

केंद्रीय विश्वविद्यालयों

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ज्योति कुमारी:देश में सभी केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा देना होगा अनिवार्य, उसी के आधार पर बच्चों को कॉलेज में मिल सकेगा एडमिशन, इससे पहले इंजीनियरिग व चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में दाखिले के लिए नीट और जेईई की परीक्षा पास करनी पड़ेगी। यह व्यवस्था नए शैक्षणिक सत्र 2022 – 23 से लागू होगी, शिक्षा मंत्रालय की तरफ से यहाँ जिम्मेदारी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को सौंपी दी गई है, यह नई व्यवस्था अभी स्नातक कोर्सो में प्रवेश पर ही लागू होगी। नई राष्ट्रीय  शिक्षा  नीति की सिफारिश के बाद शिक्षा मंत्रालय ने वैसे तो इस व्यवस्था को पिछले साल ही अपनाने की तैयारी कर ली थी, लेकिन अखिरी टाइम में दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू) सहित सभी प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया, इसलिए मंत्रालय ने अपने फैसले को टालते हुए, नए शैक्षणिक सत्र में इस पर विचार करने की बात कही थी, अब शिक्षा मंत्रालय ने साफ कर दिया है की नए शैक्षणिक सत्र से ही केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) द्वारा आयोजित की जाएगी। डीयू काशी हिंदू विश्वविद्यालयों व इलाहाबाद यूनिवर्सिटी सहित ज्यादातर प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों ने नई व्यवस्था विश्वविद्यालयों में भी लागू हो सकती है, नई व्यवस्था एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, अभी सीयूईटी का दायरा सिर्फ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश तक ही सीमित रखा गया है, लेकिन भविष्य में इससे राज्य विश्वविद्यालयों को भी जोड़ा जाएगा। यह व्यवस्था उनके लिए भी उपयुक्त है। दाखिले के लिए उन्हें अलग से मेहनत नहीं करनी होगी, बल्कि सीयूईटी की मेरिट के आधार पर वे अपने विश्वविद्यालयों में प्रवेश दे सकेंगे। यह ठीक उसी तरह होगा, जिस तरह ज्यादातर राज्य अपने मेडिकल और इंजीनियरिंग कालेजों में सभी प्रवेश परीक्षा (जेईई) और (नीट) प्रवेश परीक्षा मेरिट के आधार पर एडमिशन करते है। दोनों प्रवेश परीक्षाओं का आयोजन एनटीए करती है इस परीक्षा में लाखों छात्र भाग लेते है। परीक्षा में सफल होने के बाद ही अब उनको दाखिला मिलेगा।

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