सार्वजनिक स्थानों पर नमाज को न दें तबज्जो- सीएम खट्टर

नमाज

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  हरियाणा के पटौदी में क्रिसमस समारोह को रोकने की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया। नमाज पर खट्टर की टिप्पणी कुछ हिंदू समूहों के उन प्रयासों के बीच आई है, जिनमें वे गुरुग्राम के कुछ सार्वजनिक स्थानों पर मुस्लिमों की इस इबादत पद्धति को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। दरअसल सीएम खट्टर ने इंडियन महिला प्रेस कॉर्प के सदस्यों के  साथ बैठक के दरमयान कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर नमाज अदा करना उनके धर्म के खिलाफ है। मुस्लिम नमान प्राचीनतम मान्यताओं के अनुसार चार दीवारी के भीतर पढ़ी जानी चाहिए। इसका ध्यान रखना चाहिए कि खुले में नमाज पढ़ना हिंदु सांप्रदाय को ठेस पहुंचाने जैसा कृत्य है। नमाज को नमाज समझकर रखना उचित है, इसकी आढ़ में दंगा की स्थिति पैदा करना गलत है। उल्लेखनीय है, सभी धर्मों को पूजा आराधना करने की आजादी मिली है इसको कोई भी ताकत छीन नहीं सकती है। आम लोगों की स्वतंत्रता पर किसी का कोई अधिकार नहीं कि उसके अधिकार के विरोध में टिप्पणी करें। ध्यान यह भी रखना चाहिए कि धर्म की प्रतिष्ठा के साथ किसी सांप्रदायिक धर्म को ठेस भी न पहुंचे। उनका मानना है कि भारत धर्मनिर्पेक्षता से संलिप्त विस्तारवादी लोकतंत्र वाला देश है। इसका संविधान लिखित में विश्व का सबसे बड़ा माना जाता है। भारत में प्राचीन सभ्यता और प्राचीन व आधुनिक परंपराओं को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। उनका कहना है कि किसी आम जनमानस को समस्या है तो वो स्थानीय प्रशासन से समाधान प्राप्त करें, दंगा के हालात उत्पन्न होने से बचाए। पटौदी की घटना के बारे में पूछे जाने पर जहां कथित तौर पर कुछ दक्षिणपंथी युवाओं ने क्रिसमस समारोह में बाधा डाली, खट्टर ने कहा, “यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। ऐसी घटनाओं का समर्थन करने का कोई कारण नहीं है। ऐसे किसी भी समारोह को बाधित करना सही नहीं है। गौरतलब है, किसानों के विरोध पर खट्टर ने कहा कि विरोध शुरू करने वालों और इसका समर्थन करने वालों के बीच अंतर करने की जरूरत है, क्योंकि इसके पीछे राजनीतिक महत्वाकांक्षा वाले लोग हैं।

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