कोविड

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ज्योति कुमारी: राजधानी दिल्ली में फिर से बढ़ रहे कोरोना के केसो के मामलों को देखते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के ट्रॉमा सेंटर को कोविड अस्पताल बनाया जा रहा है। साथ ही झज्जर स्थित एम्स कैंसर संस्थान मे भी इलाज होगा। वहीं अस्पताल में हो रहे, नए मरीजों को और सर्जरी को अगले आदेश तक रोकने को कहा है। बुधवार को एम्स निदेशक डॉ. रणवीर गुलेरिया की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया के कोविड़ को लेकर तैयारियाँ शुरु हो गई है, निर्देश में अस्पताल को कोविड़ से लेकर सर्तकरता बरतने को कहा गया है। साथ ही नए प्राइवेट वार्ड के ग्राउंड फ्लोर को कोविड मरीजों के लिए खाली करने को कहा गया है, अब 15 से 18 वर्ष वाले 10 लाख 14 हजार किशोरों को कोरोना का टीका लगेगा।वहीं बूस्टर डोज के लिए कुल संख्या 6.12 लाख आंकी गई है। इसमें बुजुर्ग और स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। किशोरों के टीकाकरण के लिए स्लॉट बुकिंग की सुविधा आगामी एक जनवरी से शुरु होगी, जबकि तीन जनवरी से शुरु होगी। बच्चों को सिर्फ कोवैक्सीन का खुराक दी जाएगीं,बुजुर्गो की संख्या 3.80 लाख लगभग है, जबकि स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या 2.61 लाख है। दिल्ली सरकार के आंकड़ों के मुताबिक अभी दिल्ली में 2.61 लाख से अधिक स्वास्थ्यकर्मी कोविड टीके की पहली खुराक ले चुके है, जिसमें 2.36 लाख ने दूसरी खुराक ले ली है। इस तरह बूस्टर डोज के पात्र लोगों की कुल संख्य 6.36 लाख से ज्यादा है। बूस्टर डोज दूसरी डोज के नौ महीने बाद ही लगेगी। दिल्ली सरकार ने कोविड़ टिकाकरण की रफ्तार तेज कर दी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग देश में कोरोना संक्रमित होने से बच सके। कोरोना की चेन को तोड़ सके और भारत को कोरोना मुक्त कर सके, इसके लिए हम सबको मिलकर इस लड़ाई लड़नी होगी। इसलिए सभी को सरकार के कोरोना प्रोटोकॉल का समर्थन करना होगा।

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