श्रीलंका में लगातार प्रदर्शन, राष्ट्रपति पर बढ़ा इस्तीफे का दबाव

श्रीलंका
नेहा सिंह। श्रीलंका में लगातार बने हुए आर्थिक संकट के बीच राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे पर इस्तीफे का दबाव बढ़ रहा है। देश में बड़े और व्यापक स्तर पर प्रदर्शन भी हो रहे हैं। लोग देश में महंगाई बढ़ने से बहुत नाराज़ चल रहे हैं। लोगों का कहना है कि वे अपनी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। जिसकी वजह से देश में व्यापक स्तर पर जगह जगह लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अब खबर आ रही है कि देश की मुख्य तमिल पार्टी तमिल नेशनल अलायंस भी राष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव व महाभियोग के मुद्दे पर विपक्ष का साथ देने के लिए तैयार है। मुख्य विपक्षी पार्टी समागी जन बालवेगया भी शुक्रवार को ही गोटाबाया के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का एलान कर चुकी है। जानने में आया है कि विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा ने भी राष्ट्रपति प्रणाली की समाप्ति की बात कही हैं।
देश के 225 सदस्यीय सदन में एसजेबी व टीएनए के कुल 64 सदस्य हैं। चुनाव के समय सत्तारूढ़ श्रीलंका पोडुजाना पेरामुना गठबंधन के पास 150 मत थे, लेकिन 42 सांसदों ने उससे नाता तोड़ लिया है। लेकिन अब गोटाबाया ने मौजूदा आर्थिक संकट पर चर्चा के लिए एक बैठक भी बुलाई है, जिसमें गठबंधन के 11 दलों के साथ-साथ 42 निर्दलीय सांसदों को भी आमंत्रित हैं। कहा जा रहा है कि सरकार आर्थिक मदद के लिए सोमवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से वार्ता करने वाली है।
वहीं ये भी जानकारी मिली है कि पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने गोटाबाया सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उनके समय में कभी ऐसी परिस्थियां नहीं आई कि लोगों को जरूरी सामग्री की खरीद के लिए लाइन में लगना पड़े। उन्होनें आगे कहा कि मौजूदा गोटाबाया सरकार अक्षम है।