पंजाब सियासी उठापटक में कांग्रेस को लग सकता बड़ा झटका

पंजाब कांग्रेस

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पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों का एलान होना शुरू हो गया है। राजनीतिक उठापठक के बीच चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भी जारी है। इन सबके साथ राजनीतिक नेताओं की बयानबाजी और गुटबाजी भी अब सामने आने लगी है।

पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। टिकट बंटवारे को लेकर उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई के बाद अब कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह के बेटे इंदर प्रताप सिंह ने भी पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है। इंदर सुल्तानपुर लोधी सीट से चुनावी मैदान में उतरेंगे। यहां से कांग्रेस ने वनतेज चीमा को अपना उम्मीदवार बनाया है। चीमा नवजोत सिंह सिद्धू के खेमे के माने जाते हैं। 

आगरा से भाजपा के पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया ने आम आदमी पार्टी का थामा दामन

आगरा से पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया ने भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय परिषद के पदों से इस्तीफा दे दिया है। तीन बार के सांसद प्रभु कठेरिया अपने बेटे के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन नहीं मिला। यही कारण है कि उनके बेटे अरुणकांत कठेरिया ने अब आम आदमी पार्टी जॉइन कर ली है। बताया जाता है कि आम आदमी पार्टी की तरफ से वह यहां प्रत्याशी होंगे।

 
आगरा जिले में 1952 से लेकर अब तक 70 वर्षों में हुए 17 विधानसभा चुनावों में आगरा से केवल दो मुस्लिम विधायक ही चुनाव जीत सके हैं। हालांकि विधानसभा चुनाव लड़कर लखनऊ विधानसभा पहुंचने का ख्वाब तो 102 मुस्लिम उम्मीदवारों ने संजोया था, लेकिन इनमें से 100 के सपने चकनाचूर हो गए, जबकि केवल दो ही विधायक बन सके।

निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव में शिक्षा मित्रों, अनुदेशकों, रोजगार सहायकों, अनुदेशकों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं को चुनाव ड्यूटी पर लगाने से रोक लगाई है। आयोग के इस आदेश के बाद मतदान दल  गठन की लगभग पूरी तैयारी कर चुके जिला निर्वाचन अधिकारियों की परेशानी बढ़ गई है।

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