लवी फंसवाल। हाल ही में एनडीए के कुछ घटक दलों की बैठक हुई। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान के फोटो पर चर्चा हुई। चिराग ने 2020 का विधानसभा चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ा था। अब वह एनडीए में लौट आये हैं। इस समय वह सियासी गलियारों में कई सवालों की चर्चाओं में हैं, जिनमें अहम है कि क्या चिराग को मंत्रीमंडल में जगह मिलेगी ? क्या दो दलों में बट चुकी लोक जनशक्ति पार्टी एक होकर चुनाव लड़ेगी ? क्या चाचा पशुपति नाथ और भतीजे चिराग पासवान फिर से एक हो सकेंगे। जब मीडिया द्वारा चिराग पासवान से पूछा गया, कि जिस तरह प्रधानमंत्री ने तुम्हे पकड़ा और गले लगाया तो उन्होंने क्या कहा ? जिस पर चिराग ने कहा, कि उन्होंने सिर्फ हालचाल पूछा, बात नहीं हुई। उन्हेंने कहा, कि मुझे लगता है कि उन तस्वीरों और वीडियो के माध्यम से वह लम्हा सार्वजनिक हुआ। जिसे मैंने कई बार महसूस किया है। चिराग ने बताया कई बार उनके लिये हनुमान शब्द का उपयोग कर तंज दिया जाता था। प्रधानमंत्री के उपर कुछ न बोलने पर उन्हें, भक्त कहा जाता था। लेकिन मेरा और उनका यही रिश्ता है।

परिवार की टूट पर, चिराग ने कहा कि, मैंने इस टूट पर कभी किसी को जिम्मेदार नहीं माना। मुझे लगता है कि मेरे अपनों ने मुझे धोखा दिया। मेरे अपने साथ खड़े रहते तो किसी में इतनी ताकत नहीं थी कि हमारे परिवार या पार्टी को तोड़े। धोखा तो मेरे अपनों से ही मिला है, किसी दुसरे या तीसरे पर क्यों उंगली उठाऊं। इसलिये मेरे जहन में ये कभी हुआ ही नहीं कि भाजपा ने ये किया या प्रधानमंत्री जी खामोश रहे। चिराग ने आगे कहा कि, भाजपा या प्रधानमंत्री के खिलाफ कभी कोई ऐसी बातें उस दौरान निकली ही नहीं, क्योंकि मैंने कभी उन सभी लोगों को इसका जिम्मेदार माना ही नहीं। दुनिया उकसाने के लिये कई बातें करती है, लेकिन मुझे पता है हकीकत क्या थी।

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