क्या बिना अस्पताल जाए ओमिक्रॉन से बच सकते हैं

ओमिक्रॉन

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 जिस प्रकार देश में कोरोना के नए वेरिएंट आमिक्रॉन का संक्रमण बढ रहा है , हम सभी के लिए यह चिंता का सबब बनता जा रहा है। दिल्ली से एक अजीबो गरीब घटना आ रही है। ओमिक्रॉन संक्रमित होने के बाद ठीक हुए शख्स ने कहा कि न उन्हें कोई लक्षण था और न ही उन्होंने ठीक होने के लिए कोई दवा ली है। दिल्ली के रोहिणी निवासी साहिल ठाकुर बीते दिनों दुबई गए थे और वहां से वापस आते वक्त इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर वह कोरोना संक्रमित पाए गए।

अगर जांच न होती तो मुझे पता भी नहीं चलता

साहिल ने कहा कि अभी वह दो बार निगेटिव हुए हैं लेकिन फिर भी अपने घर में क्वारंटीन हैं। उनके घर के बाहर सिविल डिफेंस के चार-चार जवान रात-दिन ड्यूटी दे रहे हैं। उनके पूरे परिवार को आइसोलेशन में रखा गया है लेकिन परिवार का कोई भी दूसरा सदस्य कोरोना संक्रमित नहीं है। न ही उनकी बहन और उसका परिवार संक्रमित हुआ है जिससे दिल्ली वापस आकर वे मिलने गए थे।

साहिल ने बताया कि ओमिक्रॉन संक्रमित होने के बाद उनके सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा गया था। तब तक मुझे अपने घर में क्वारंटीन रहने के लिए कहा गया। मैंने वैसा किया भी और घर में सुरक्षित रहा। तीन दिन बाद मुझे फोन आया कि ओमिक्रॉन संक्रमण की पुष्टि हुई है। थोड़ी देर बाद एक एंबुलेंस भी वहां आई और उन्हें लेकर लोकनायक अस्पताल पहुंच गई।

साहिल को उस वक्त लोकनायक अस्पताल में करीब 40 से 45 मरीज भी मिले जो ओमिक्रॉन संक्रमण की चपेट में आए थे लेकिन लक्षण किसी में भी नहीं था। न कोई बुखार से परेशान था न किसी को सर्दी थी। साहिल दोनों वैक्सीन की खुराक भी ले चुके थे। यह घटना अजीबो गरीब है । लेकिन हम सभी को सतर्क रहना होगा तब जाके हम सभी ओमिक्रॉन के संक्रमण के प्रभाव से बच सकेंगें ।

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