कल्याण सिंह की पुण्यतिथि को ‘हिंदू गौरव दिवस’ के रूप में मना कर 2024 के लिए, भाजपा उत्तर प्रदेश में तैयार कर रही रणनीति

लवी फंसवाल। भारतीय जनता पार्टी से यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री रहे कल्याण सिंह की पुण्यतिथि को ‘हिंदू गौरव दिवस’ के रूप में मना रही है। 21 अगस्त को कल्याण सिंह की दूसरी पुण्यतिथि है। जिसको बीजेपी हिंदी हिंदू दिवस रूप में मना रही है। इसे कल्याण सिंह की सियासी ताकत ही कहेंगे कि उनके निधन के 2 साल बाद अलीगढ़ में हो रहे कार्यक्रम में देश के गृहमंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य और बृजेश पाठक, प्रदेश के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह सहित प्रदेश व केंद्र के तमाम दिग्गज नेता जुटे।

श्रद्धांजलि सभा की तैयारियों में कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह और पोते संदीप सिंह महीने भर से जुटे थे। जानकारी दे दें, कि कल्याण सिंह लोधी जाति से थे। इस जाति के वोटों की ताकत बीजेपी पिछले 3 दशकों से देख रही है। इसको लेकर ही बीजेपी कल्याण सिंह की पुण्यतिथि को हिंदू गौरव दिवस के रूप में मनाकर इस वर्ग के वोटरों को बड़ा सियासी संदेश दे रही है। मिशन 2024 के वोटरों को जोड़ने की तैयारी में जूटी बीजेपी दूसरे प्रदेशों में होने वाली संभावित नुकसान की भरपाई उत्तर प्रदेश जैसे राज्य से करना चाहती है। इसलिए वेस्ट यूपी में क्लीन स्वीप जरूरी है। पार्टी के इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए लोधी वोटरों का बड़ा सहारा है। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में पश्चिम उत्तर प्रदेश की 27 सीटों में से 8:00 पर सपा बसपा गठबंधन की जीत हासिल हुई थी। इसमें खासतौर पर मुरादाबाद मंडल में गठबंधन को सफलता मिली थी। बीजेपी यह मानकर चल रही है कि यदि 2024 में लोध वोटरों का सहारा मिला तो परिणाम काफी अच्छे हो सकते हैं। लोध वोटरों के लिए भाजपा के पास सबसे बड़ा चेहरा कल्याण सिंह ही थे।

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