देशभर में बिहार बोर्ड रहा अव्वल

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कल यानी गुरूवार को बिहार बोर्ड का रिजल्ट जारी किया गया। वहीं इस वर्ष भी बिहार बोर्ड में लड़कियों ने बाजी मारी है। बता दें कि पूरे देशभर में बिहार बोर्ड ने सबसे पहले एग्जाम लेकर परिणाम भी घोषित किया है। वहीं बिहार स्कूल एग्जामिनेशन बोर्ड कभी देश भर में सबसे सुस्त और पिछड़ा बोर्ड माना जाता था। अब ये देश का पहला ऐसा बोर्ड बन गया है जिसने मार्च महीने में ही इंटर और मैट्रिक एग्जाम का रिजल्ट जारी कर दिया है। ये बिहार की परीक्षा प्रणाली में टेक्नोलॉजी आधारित सुधारों का नतीजा है कि 16.11 लाख से अधिक स्टूडेंट्स का रिजल्ट मात्र 34 दिनों में ही जारी कर दिया गया। इस दौरान लगभग 96 लाख कॉपियों और लगभग 96 लाख OMR शीट की जांच की गई।


दरअसल, इस नए पैटर्न का असर केवल रिजल्ट की तेजी में ही नहीं दिखा है बल्कि स्टूडेंट्स के मार्कशीट में भी यह दिखाई दे रहा है। 2022 की इंटर और मैट्रिक के टॉपर्स की लिस्ट में स्टूडेंट्स को अब 90% से अधिक अंक मिल रहे हैं। इस बार बोर्ड की ओर से जारी मैट्रिक की परीक्षा की टॉप-10 में शामिल 47 स्टूडेंट्स शामिल हुए। इनमें पहले स्थान वाले को 97.4% अंक तो 10वां स्थान प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स को 95.6% अंक प्राप्त हुए हैं।
रिजल्ट को तेजी से तैयार करने के लिए ओएमआर शीट पर हर स्टूडेंट्स के फोटो के साथ उनके नाम से हर विषय में बारकोड और लिथकोड के साथ अलग-अलग ओएमआर शीट छपवाया गई। इसकी मदद से सभी स्टूडेंट्स के फोटो और नाम के साथ प्री-प्रिंटेड कॉपी बनाई गई। इसके तहत परीक्षा के समय स्टूडेंट्स का नाम, रोल नंबर, रोल कोड, विषय कोड, डेट पहले से ही स्टूडेंट्स की ओएमआर और कॉपियों पर उपलब्ध कराए गए। बोर्ड की तरफ से स्टूडेंट्स की सहूलियत के लिहाज से भी कई बदलाव किए गए। इसके लिए बोर्ड की ओर से सवालों की संख्या को डबल कर दिया गया। इसका स्टूडेंट्स को ये लाभ मिला कि जितने भी सवालों के जवाब स्टूडेंट्स को देने थे उससे दोगुने प्रश्न उनसे पूछे गए।

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