सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को बड़ी राहत, सजा पर रोक, लोकसभा की सदस्यता होगी वापस

दीपक झा। किस आधार पर 2 साल की अधिकतम सजा सुनाई सुप्रीम कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की। राहुल गांधी के लिए बहुत बड़ा दिन रहा, 4 अगस्त शुक्रवार को मोदी सरनेम मानहानि मामले में राहुल गांधी के सजा पर अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट के तरफ से आया। आपको बता दें, तो इससे पहले सूरत कोर्ट ने 2 साल की सजा सुनाई। जिसके बाद से राहुल गांधी की लोकसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई। अब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा, और 2 दिन की बहस के बाद सजा पर रोक लगाते हुए सदस्यता बहाल कर दी। साथ में एक सवाल किया, कि आखिर किस आधार पर 2 साल की अधिकतम सजा सुनाई गई। निचली अदालत की तरफ से, सुप्रीम कोर्ट ने कहा, जब 1 साल 11 महीने की सजा दी जा सकती थी, तो आखिर किस आधार पर 2 साल की सजा सुनाई गई।
राहुल गांधी के वकील की दलील, अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा राहुल गांधी जमानती हैं और साथ ही सिंघवी कहते है। मोदी सरनेम वाले को अलग-अलग जाति के लोग इस सरनेम का इस्तेमाल करते हैं। क्लास का कोई पार्टिकुलरलीआइडेंटिफाई है ही नहीं पुर्णेश मोदी पर कहा उनका सरनेम मोदी है ही नहीं। फिर उनको मानहानि कैसे हो सकती है। उन्होंने बाद में अपना सरनेम बदला। सिंघवी आगे कहते हैं, जिसका नाम राहुल गांधी ने स्पीच में लिया। उनमें से कोई भी राहुल पर मुकदमा नहीं करता है। पूर्णेश मोदी ने किया, जिनके नाम का जिक्र आखिरकार हुआ ही नहीं है। पूर्णेश मोदी का मानहानि का केस दायर करने का कोई औचित्य या कोई सवाल ही खड़ा नहीं होता। जो समुदाय मोदी सरनेम इस्तेमाल करते हैं उनमें कोई एक नहीं है।
पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने दलील में कहते हैं, कि राहुल गांधी ने जो मोदी सरनेम का इस्तेमाल किया। वह देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में भी आता है। इसलिए उन पर दो मानहानि के मुकदमे हो सकते हैं। ऐसे में उनकी सजा बरकरार रहनी चाहिए और उनकी सजा कमी नहीं होनी चाहिए। फिलहाल, आपको बता दें तो राहुल गांधी को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली और उनके सजा पर रोक लगा दी गई, और उनकी सदस्यता तुरंत बहाल करने का भी निर्देश दिया है। ऐसा कयास लगाया जा रहा है सोमवार तक राहुल गांधी सांसद में आ सकते हैं।

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