ओमिक्रॉन से हो जाइए सावधान , तीसरा डोज मिलेगा अगले साल

ओमिक्रॉन

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अनुराग दुबे: जिस प्रकार देश में ओमिक्रॉन का केस बढ रहा है , उससे सावधान होने की आवशयकता है। ओमिक्रॉन ने अपना पैर पसारना शुरू कर दिया है , यह करीब 14 राज्यों में फैल चुका है। एक्सपर्टों की माने तो इस नए वेरिएंट से बच के रहना होगा क्योंकि यह वेरिएंट डेल्टा से खतरनाक है लेकिन उससे कम प्रभावसाली है।
नेशनल तकनीकी टीकाकरण सलाहकार समिति से जुड़े एक डॉक्टर ने बताया कि टीके की अतिरिक्त डोज देने पर लगभग सभी विशेषज्ञों की सहमति बन चुकी है, लेकिन अभी इसे अनुमति नहीं दी जा सकती है क्योंकि तीसरी खुराक को लेकर हमारे पास अभी कुछ नहीं है।
सरकार से मंजुरी मिलने पर तीसरी खुराक की बात होगी ।
कोविशील्ड टीके पर यूके में परीक्षण हुआ है लेकिन भारत में इसका परीक्षण अभी होना बाकी है। कोवाक्सिन को लेकर भी अतिरिक्त खुराक पर काम चल रहा है मगर उसके लिए ओमिक्रॉन वैरिएंट का आइसोलेट होना बहुत जरूरी है।
वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि देश में करीब 40 करोड़ स्वास्थ्यकर्मी व अति जोखिम वाली आबादी है जिसका चयन अतिरिक्त खुराक के लिए हुआ है।
टीके को लेकर राष्ट्रीय तकनीकी टीकाकरण सलाहकार समिति और डॉ. वीके पॉल की अध्यक्षता में गठित टीकाकरण समिति काम कर रही है।

बीते 24 घंटे में 7447 संक्रमित
देश में एक दिन में 7447 लोग संक्रमित मिले हैं। 391 की मौत हुई है। वहीं 7886 मरीजों को छुट्टी दी गई है। सक्रिय मामले 86,415 हैं।
कोवावैक्स के आपात इस्तेमाल को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के सीरम इंस्टीट्यूट में बनने वाली अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स की वैक्सीन कोवावैक्स को कोरोना मरीजों पर आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही दुनियाभर में गरीब देशों को टीका पहुंचाने वाले संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक टीका आपूर्ति कार्यक्रम में भी यह टीका शामिल किया जा सकेगा।

कोवावैक्स टीएम नाम से प्रचलित यह वैक्सीन डब्ल्यूएचओ की हरी झंडी पाने वाली नौवीं वैक्सीन होगी।

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