लवी फंसवाल। इजराइल हमास की लड़ाई के बीच कई ऐसे इस्लामिक देश है जो हम आज का खुलकर साथ दे रहे हैं। 7 अक्टूबर को शुरू हुआ यह युद्ध अभी भी जारी है। वही इस्लामिक देश मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने हमास का खुलकर समर्थन किया है। उन्होंने कहा हमास को गाजा के लोगों ने चुना है, और मलेशिया हमास के साथ अपने संबंधों को मजबूत रखेगा। मलेशियाई प्रधानमंत्री ने आगे कहा, कि वह पश्चिमी देशों के बहकावे में आकर हमास की निंदा नहीं करेंगे।
मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने संसद में कहा, की बार-बार पश्चिम के अधिकारी मलेशिया से हमास की निंदा करने की बात कह रहे हैं। लेकिन उनकी सरकार पश्चिम के इस रवैये से सहमत नहीं है। इजराइल हमास के युद्ध के बाद जहां कई इस्लामीक देश भी हमास के साथ खड़े होने में डर रहे हैं, तो वहीं मलेशिया ने हमास की खुलकर वकालत की है।
मलेशिया के पीएम इब्राहिम ने कहा, ‘मैंने पश्चिमी देशों से कहा हमास के साथ हमारा रिश्ता हमारी नीति रही है। यह रिश्ता आगे भी कायम रहेगा। जिस तरह वह हम पर दबाव डाल रहे हैं उसे रवैया से हम सहमत नहीं है, क्योंकि हमास को गाज़ा में गाजा की जनता ने चुना है। गाजा के लोग हमास का नेतृत्व चाहते हैं।
7 अक्टूबर को इसराइल पर हमास ने खुलकर हमला कर दिया था। यह 10 को में इजराइल पर पहला हमला था जो बहुत बड़े पैमाने पर हुआ था। पश्चिमी देशों ने समाज के हमले की कड़ी निंदा की। साथी दूसरे देशों से भी आग्रह किया कि समाज का समर्थन न करें। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास लड़ाकों ने इजरायल पर हवा, जमीन और समुद्र के जरिए हमला कर करीब 1,400 लोगों को मार दिया जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे।

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