भागवत बोले सभी समुदायों को एक साथ आना होगा

अनुराग दुबे : देश में पिछले कुछ दिनों से लगातार सांप्रदायिक दंगा भडकाने का प्रयास किया जा रहा है। धर्म के नाम पर लडाई हो रही है। पिछले दिनों भागवत का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि आने वाले 10 से 15 सालों में भारत हिन्दुराष्ट्र बनेगा। इनके इस बयान के आने के बाद राजनीति पंडितों की प्रतिक्रिया तेजी से आनी शुरु हो गयी थी। रामनवमी और हनुमान जयंति के उपल्कक्ष में निकाले गए रैली के उपर हुए पथराव पर वार-पलटवार का दौर शुरु हो गया था।
संघ प्रमुख का यह बयान देश के विभिन्न हिस्सों में धार्मिक संघर्ष की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया है। रामनवमी और हनुमान जन्मोत्सव पर कम से कम छह राज्यों में हिंसा की घटनाएं हुई थीं। भागवत बृहस्पतिवार को अमरावती में संत कंवरराम के प्रपौत्र साई राजेशलाल के गद्दीनशीं होने के समारोह में मुख्य अतिथि थे।
संघ प्रमुख ने सिंधी भाषा और संस्कृति को बचाने के लिए सिंधी विश्वविद्यालय स्थापित करने की भी जरूरत बताई। उन्होंने कहा, भारत बहुभाषी देश है। हर भाषा का अपना महत्व है। उन्होंने कहा, कुछ सिंधी भाई अपनी जमीन को बचाने के लिए पाकिस्तान में रुक गए, जबकि कई अपनी जमीन की कीमत पर धर्म को बचाने भारत चले आए।
संघ प्रमुख भागवत का बयान हमेशा बाद-विवाद में उलझा रहता है। भागवत सिंधी भाषा और संस्कृति को बचाने के विषय में सोच रहे हैं। इनका कहना है कि भारत बहुभाषी देश है। यहां सभी को अपनी भाषा को सम्मान देने अथवा बोलने की सम्पूर्ण आजादी है। यहीं भारत की विविधता में एकता का प्रतीक है। भागवत का यह बयान ट्वीटर पर भी ट्रेंड करने लगा है। भागवत ने अपने भाषण में यह कहा कि धार्मिक लडाई लडने से कुछ नहीं होने वाला है। सभी समुदायों को एक साथ आना होगा, तभी भारत अग्रसर होगा और विश्व गुरु बनने के पथ पर अग्रसर होगा।