दीपक झा। 28 मई को होने वाले नए संसद भवन के उद्घाटन से पहले सियासत तेज हो गई। पहले इसके बनने पर सवाल उठाए जा रहे थे। जब तैयार हुआ, तो इसकी तारिख को लेकर बवाल मचा। आपको बतादें तो 28 मई को सावरकर का भी जन्म दिवस है। जिसको लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे थे। लेकिन अब एक नया बखेड़ा खड़ा हो चुका है। आपको बतादें तो नए संसद भवन का उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा होगा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्विटर पर एक ट्विट किया, जिसमे उन्होंने लिखा ‘नए संसद भवन का उद्घाटन महामहिम राष्ट्रपति जी के द्वारा होना चाहिए, न की प्रधानमंत्री को करना चाहिए’ तभी से यह सवाल समूचे विपक्ष केंद्र सरकार से राष्ट्रपति द्वारा उद्घाटन कराने की मांग कर रहा है, और बीजेपी से सवाल कर रहा है। आखिर बीजेपी राष्ट्रपति का अपमान क्यों कर रही है?
इस मुद्दे पर पूरा विपक्ष एक होता नज़र आ रहा है। आपको बतादें, करीब 19 विपक्षी दलों ने नए संसद भवन उद्घाटन समारोह का बहिष्कार किया है। हालाकि अकाली दल के तरफ से समर्थन मिला है, और उनके नेताओं ने शामिल होने की बात कही है। ओवैसी ने कहा नए संसद भवन की जरूरत थी। अच्छा हुआ बना, और मैं जाने को तैयार हूं। लेकिन उद्घाटन अगर प्रधानमंत्री ने किया, तो मैं शामिल नहीं होऊंगा। ओवैसी ने आगे कहा, कि राष्ट्रपति जी द्वारा करने की मांग गलत है। संसद भवन का उद्घाटन अध्यक्ष ओम बिरला से कराना चाहिए, क्योंकि वो सांसद का अध्यक्ष ही करता है।

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