सुप्रीम कोर्ट में पहली बार आया मादा हांथी की रिहाई का मामला

उच्च न्यायलय में लापता लोगों के मामले अक्सर आते रहते हैं। पहली बार एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें हथिनी की रिहाई के लिए उसके महावत ने याचिका दायर की। महावत का कहना है कि हंथिनी के साथ उसका भावनात्मक संबंध है न कि मूल्यात्मक।
महावत,सद्दाम ने दायर याचिका में कहा कि वह लक्ष्मी (हथिनी) के साथ बीते 10 वर्ष से रह रहा है । हम दोनों में एक-दूसरे के लिए पारिवारिक संबंध हैं।मामला यह है कि सितंबर माह में वह ‘लक्ष्मी’ को एक शिविर में ले जा रहा था। वन विभाग के अधिकारियों ने हंथिनी को गिरफ्तार कर लिया।

महावत सद्दाम का कहना है कि वन विभाग ने लक्ष्मी को बहुत यातनाएं दी हैं। उसने ‘लक्ष्मी’ को छुड़ाने का प्रयास किया तो पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया। फिलहाल सद्दाम 68 दिनों की पुलिस हिरासत के बाद 25 नवंबर को रिहा हो गया है।
वन विभाग ने ‘लक्ष्मी’ को हरियाणा के पुर्नवास केंद्र में रखा है। सुप्रीम कोर्ट में महावत का कहना है कि मैं उसका मालिक नहीं मित्र हूँ। उसने दावा किया कि ‘लक्ष्मी’ उसे 3 किलोमीटर दूर गंध से पहचान सकती है। आपको बतादें कि कानूनी नियमों के अनुसार पशुओं को भी जीनें का आधिकार है।

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