संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में भारत ने चीन और पाकिस्तान पर साधा निशाना

तालिबान के आतंकी प्रहार के बाद अफगानिस्तान में अफरा-तफरी मच गई है। अफगान के समर्थक देश इस मामले में खुलकर सामने आने से घबरा रहे हैं। राष्ट्रपति अशरफ गनी जनता को बीच मझधार में छोड़कर भाग गए हैं। बता दें कि अफगान की जनता पर तालिबान ने आतंकी कहर बरपाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस मामले के विरोध में पंजशीर खुलकर सामने आया है। उधर, अफगानिस्तान में चल रही स्थिति पर चर्चा करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अपने स्थाई और अस्थाई सदस्यों के साथ बैठक की। हाल ही में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूएनएससी की अध्यक्षता करते हुए चीन और पाक को जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने कहा कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को पाक और चीन में शरण मिलती है। उन्होंने पुलवामा, पठानकोट और मुंबई हमले का हवाला देते हुए कई आरोप लगाए। विदेश मंत्री ने बिना किसी का नाम लिए विरोधी देशों को निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि वो देश जो आतंकवाद को पनपाते है और मासूमों के खून से लिप्त है उन्हें संयुक्त राष्ट्र परिषद से बहिष्कार कर देना चाहिए। आतंकी हक्कानी और आईएसआईएस-खुरासान को सरंक्षण मिलने से वे अधिक ताकतवर हो गए हैं और लगातार अपने पांव पसारने की कोशिश कर रहे हैं’।
उन्होंने कहा कि यूएनएससी को इस पर विचार करना चाहिए कि कोई देश आतंकवाद को शरण न दें और न ही उनके मामलों को अनदेखा करें। आज अफगान पर संकट है कल किसी अन्य देश पर भी खतरा हो सकता है क्योंकि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी संगठन के समर्थन से कई तालिबान बन सकते है।

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