शीतकालीन मौसम में करें तीर्थयात्रा, जानिए कैसे जाएंगे प्रसिद्ध स्थानों में

शीतकालीन

उत्तराखंड में गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चार विश्व प्रसिद्ध धाम हैं। चारों धामों में लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। जो कि हिंदू धर्म की आस्था का प्रतीक हैं। ग्रीष्मकाल में ही चारों धाम की यात्रा का संचालन होता है। जिसमें गंगोत्री धाम में मां गंगा, यमुनोत्री में मां यमुना, केदारनाथ में बाबा केदार और बद्रीनाथ में बदरी विशाल के दर्शन होते हैं। शीतकाल में चारोंधाम के कपाट बंद हो जाते हैं। इस दौरान मां गंगा उत्तरकाशी जिले के मुखवा गांव और यमुना मां खरसाली में विराजमान होती हैं। बाबा केदार रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ और भगवान बदरी विशाल पांडुकेश्वर जोशीमठ चमोली में आ जाते हैं। जहां 6 माह शीतकाल में पूजा अर्चना होती है। यहां पर भी श्रद्धालु शीतकाल में भी इन स्थानों पर होने वाली पूजा-अर्चना में शामिल हो सकते हैं। राज्य सरकार लगातार शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने में जुटी है।


धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चारोंधामों में शीतकाल में देवतागण पूजा करने आते हैं। ऐसे में चारों धामों से चल विग्रह स्वरुप को शीतकाल प्रवास मां गंगा उत्तरकाशी जिले के मुखवा गांव और यमुना मां खरसाली, बाबा केदार रूद्रप्रयाग जिले के ऊखीमठ और भगवान बदरी विशाल पांडुकेश्वर जोशीमठ चमोली में लाया जाता है। जहां पुरोहित पूरे रीति रिवाज और धार्मिक मान्यता के अनुसार पूजा अर्चना करते हैं। इस दौरान भी भगवान के दर्शन किए जाते हैं। भगवान केदारनाथ की पूजा ग्रीष्मकाल में केदारनाथ में होती है जबकि शीतकाल में केदारनाथ उखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर में विराजते हैं। इसी मंदिर में केदारनाथ की शीतकालीन पूजा की जाती है। शीतकाल में केदारनाथ में जमकर बर्फबारी होती है। इस दौरान यहां रहना मुश्किल भी हो जाता है। धार्मिक मान्यता है कि शीत काल में जब मंदिर का कपाट बंद हो जाता है तब देवतागण भगवान केदारनाथ और बदरीनाथ की पूजा करते हैं। इस दौरान मनुष्यों के लिए भगवान केदारनाथ का चल विग्रह केदारनाथ से उखी मठ में लाया जाता है। इसी स्थान पर मनुष्यों को केदारनाथ के दर्शन प्राप्त होते हैं।


उत्तराखंड में चारधाम यात्रा का शीतकालीन प्रवास शुरू हो चुका है। शुक्रवार 5 नवंबर को अन्नकूट के अवसर पर गंगोत्री धाम के कपाट बंद हो गए। भैया दूज के अवसर पर 6 नवंबर को शीतकाल के लिए यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए। अब 20 नवंबर शनिवार को भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद होंगे। इस साल साढ़े चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री अब तक धामों के दर्शन कर चुके हैं। सबसे ज्यादा दो लाख चालीस हजार से अधिक भगवान केदारनाथ जी के दर्शन को पहुंचे।

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